लाभ के साथ हुई नए वित्त वर्ष की शुरुआत, पहले दिन निवेशकों की संपत्ति करीब 2.95 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
शेयर बाजार में असाधारण तेजी के चलते वर्ष 2020-21 में निवेशकों की संपत्ति में 90,82,057.95 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
नई दिल्ली। नए वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत लाभ के साथ हुई। शेयर बाजार में आई तेजी के बीच नए वित्त वर्ष के पहले दिन निवेशकों की संपत्ति गुरुवार को 2.95 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक गुरुवार को 520.68 अंक या 1.05 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,029.83 अंक पर पहुंच गया। तेजड़िया धारणा से प्रेरित होकर, बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 2,95,587.25 करोड़ रुपये बढ़ गया।
इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और बजाज फाइनेंस प्रमुख रूप से लाभ में रहने वाली कंपनियां थीं। इसके विपरीत, एचयूएल, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले और टीसीएस को नुकसान हुआ। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि नए वित्त वर्ष में बाजार की मजबूत शुरुआत हुई, जिसका कारण वैश्विक बाजारों में पैदा हुई उम्मीद एवं आशाएं हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि दुनिया भर के बाजारों को अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के 2.3 ट्रिलियन डॉलर की खर्च योजना को लेकर काफी बढ़ावा मिला। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक पिछले वित्त वर्ष में 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत बढ़ा था। शेयर बाजार में असाधारण तेजी के चलते वर्ष 2020-21 में निवेशकों की संपत्ति में 90,82,057.95 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
गुड फ्राइडे पर बंद शेयर, मुद्रा बाजार
गुड फ्राइडे के उपलक्ष्य में शुक्रवार को बीएसई, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज समेत सभी प्रमुख शेयर बाजार बंद रहे। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार, सर्राफा बाजार और बांड बाजार में भी कोई कारोबार नहीं हुआ। बाजार में अब अगले सप्ताह से सामान्य कारोबार होगा।
पिछले वित्तवर्ष में 1.55 लाख से अधिक कंपनियों का हुआ पंजीकरण
देश में वर्ष 2020-21 में 1.55 लाख से अधिक नई कंपनियां अस्तित्व में आईं। यह संख्या साल भर पहले की तुलना में 27 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है। पिछले वित्त वर्ष में कोरोनो वायरस महामारी ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित किया था। एक दिन पहले ही समाप्त हुए वित्त वर्ष 2020- 21 में 42,186 सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) गठित की गई। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश के सामने आई अभूतपूर्व परिस्थिति को देखते हुए यह वृद्धि काफी महत्वपूर्ण है। मंत्रालय कंपनी अधिनियम और एलएलपी अधिनियम को लागू करता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि निगमित मामलों के मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1.22 लाख कंपनियों की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, 1.55 लाख से अधिक कंपनियों का पंजीकरण किया, जो लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसी तरह, वित्त वर्ष 2019-20 में 42,186 एलएलपी बने जो संख्या इससे पूर्व 36,176 थी।
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