स्टार्ट-अप्स के लिए आई खुशखबरी, सेबी ने लिस्टिंग नियमों को बनाया सरल
सेबी ने बुधवार को स्टार्टअप कंपनियों को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करने के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की है।
मुंबई। भारत में स्टार्टअप्स को सूचीबद्ध करने की शुरुआत के लिए बड़ा कदम उठाते हुए बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को ई-कॉमर्स, डाटा एनालिटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी जैसी स्टार्टअप कंपनियों को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करने के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की है।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने से इन उद्यमों को पूंजी बाजार से धन जुटाने की सुविधा मिलेगी और इनके शेयरों की बाजार में खरीद फरोख्त हो सकेगी। सेबी की बुधवार को यहां हुई निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी है। इससे पहले स्टार्टअप की सूचीबद्धता के लिए इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया गया था। अब इसका नाम बदलकर इन्नोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म कर दिया गया है।
सेबी ने कहा है कि स्टार्ट-अप के मौजूदा प्लेटफॉर्म को कमजोर समर्थन मिलने की वजह से सूचीबद्धता नियमों में राहत दी गई है। संबंधित पक्षों ने इन नियमों में राहत देने की मांग की थी। देश में स्टार्टअप कंपनियों के क्षेत्र में लगातार विस्तार को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। स्टार्टअप शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की इच्छा तो रखते हैं लेकिन सूचीबद्धता के लिए जरूरी पात्रता नियमों को पूरा करने में आ रही समस्याओं को देखते हुए इनमें से कई सूचीबद्ध नहीं हो पाए।
स्टार्टअप सूचीबद्धता प्लेटफॉर्म की समीक्षा के लिए सेबी ने इस साल जून में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया था। इसमें क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षों को शामिल किया गया। समूह ने बाद में सेबी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसपर नियामक ने सार्वजनिक रूप से सुझाव एवं टिप्पणियां मांगी थी।
सेबी बोर्ड ने जिस प्रस्ताव को मंजूर किया उसके मुताबिक पूंजी निर्गम जारी करने से पहले कम से कम दो साल तक 25 प्रतिशत पूंजी पात्र संस्थागत निवेशकों के पास होनी चाहिए। स्टार्टअप के पारिवारिक ट्रस्ट में कम से कम 500 करोड़ की नेटवर्थ हो और उसमें बेहतर नियमन दायरे में रहने वाला विदेशी निवेशक मान्यता प्राप्त निवेशकों की नई श्रेणी शामिल होनी चाहिए।
इसमें ‘मान्यता प्राप्त निवेशक’ 50 लाख सालाना सकल आय रखने वाला कोई व्यक्ति हो सकता है, जिसकी न्यूनतम बिक्री करने योग्य पांच करोड़ रुपए की नेटवर्थ हो या फिर 25 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाला कॉरपोरेट निकाय हो सकता है। ये सभी सूचीबद्धता से पहले स्टार्टअप में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रख सकते हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए स्टार्टअप में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी की सीमा को भी हटा दिया गया है।
नये प्लेफॉर्म में अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए न्यूनतम आवेदन आकार को दस लाख से दो लाख रुपए करने के प्रस्ताव को भी बोर्ड में मंजूरी दे दी। इसके साथ ही मौजूदा नियमनों के तहत न्यूनतम आवंटियों की संख्या को 200 से घटाकर 50 कर दिया गया है। न्यूनतम सौदे का लॉट भी 10 लाख से घटाकर दो लाख कर दिया गया है।