सरकार ने लिया फिर बड़ा फैसला, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार ने किसानों को लाभ देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। इससे अबतक 1.69 करोड़ किसान पंजीकृत हैं तथा अगले वित्त वर्ष तक 1,000 और मंडियों को डिजिटल मंच से जोड़ दिया जाएगा।
नई दिल्ली: सरकार ने किसानों को लाभ देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि 21 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से 1,000 मंडियों को जोड़ा गया है। इससे अबतक 1.69 करोड़ किसान पंजीकृत हैं तथा अगले वित्त वर्ष तक 1,000 और मंडियों को डिजिटल मंच से जोड़ दिया जाएगा। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ई-नाम मंच पर 1.55 लाख कारोबारी पंजीकृत हैं और थोक में 4.13 करोड़ टन जिंसों का कारोबार हुआ। इसके जरिये 3.68 करोड़ नारियल और 1.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के बांस का कारोबार हुआ।’’
इस मंच के जरिये सीधे किसानों को भुगतान की भी व्यवस्था की गयी है। बयान के अनुसार, ‘‘ई-नाम से जुड़े 1,000 मंडियों के मामले में जो सफलता दिखी है, उसको देखते हुए अब इसका विस्तार किया जा रहा है।’’ सरकार ने 2021-22 के बजट में ई-नाम से अगले वित्त वर्ष में 1,000 और मंडियों को जोड़ने की घोषणा की है। इससे थोक बाजार मजबूत बनेंगे। ई-नाम केवल योजना नहीं है बल्कि इसका मकसद छोटे किसानों को लाभ पहुंचाना और जिस तरीके से वे अपनी कृषि उपज बेचते हैं, उसमें बदलाव लाना है।
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e nam रजिस्ट्रेशन के लाभ- ई-नाम पोर्टल सभी ए।पी।एम।सी से संबंधित सूचना और सेवाओं के लिए एक ही स्थान पर सेवा प्रदान करता है। इसमें अन्य सेवाओं के बीच उपज के आगमन और कीमतों, व्यापार प्रस्तावों को खरीदने और बेचने, व्यापार प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया के लिए प्रावधान शामिल हैं।
- इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से देश के किसान ऑनलाइन आवेदन करके अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते है और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।
- इस योजना के ज़रिये देश के किसानो को अधिकतम लाभ प्रदान करना।
- e nam ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से बेहतर कीमत की खोज प्रदान करते हुए कृषि वस्तुओं में अखिल भारतीय व्यापार की सुविधा प्रदान करेगा।
- अब वे बिचौलियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं हैं ! सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ा है।
- सेब, आलू प्याज, हरा मटर, महूआ का फूल, अरहर साबूत, मूंग साबूत, मसूर साबूत (मसूर), उड़द साबूत, गेहूं, मक्का, चना साबूत, बाजरा, जौ, ज्वार, धान, अरंडी का बीच, सरसों का बीज, सोया बीन, मूंगफली, कपास, जीरा, लाल मिर्च और हल्दी के प्रायोगिक व्यापार की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को 8 राज्यों के 21 मंडियों में की गई है।
- हरियाणा की अन्य 02 मंडियों अंबाला और शाहबाद को 1 जून 2016 को ई-नाम पर डाला गया। इस आधार पर, 31 अक्टूबर 2017 तक देश की पहली 470 मंडियों को ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- व्यापार और मूल्य पर वास्तविक समय की जानकारी।
- बेहतर मूल्य खोज के माध्यम से व्यापार में पारदर्शिता।
- राज्य भर के बाजारों तक विस्तारित पहुंच।
- वस्तुओं की गुणवत्ता की जानकारी।
- पारदर्शी ई-बोली प्रक्रिया।
- सीधे ऑनलाइन भुगतान।
- सर्वप्रथम आवेदक को इ नाम को ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा।
- इस होम पेज पर आपको Registration का ऑप्शन दिखाई देगा। आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर अगला पेज खुल जायेगा।
- इस पेज पर आपका रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जायेगा। आपको इस रजिस्ट्रेशन में पूछी गयी सभी जानकारी जैसे किसान पंजीकरण प्रकार, स्तर का चयन कर सकते हैं नाम , जन्मतिथि , आधार नंबर , बैंक विवरण आदि भरनी होगी और फिर किसानों को पासबुक की कॉपी कॉपी या रद्द किए गए चेक और आईडी प्रूफ की स्कैन कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
- सभी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
- किसानों को भविष्य के संदर्भ के लिए जमा किए गए आवेदन पत्र का प्रिंटआउट लेना होगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने पर, किसान मंडियों में अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए लॉगिन कर सकते हैं।
- लॉगिन करने के लिए आपको पोर्टल के होम पेज पर जाना होगा ।और इस होम पेज पर आपको लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने अगला पेज खुल जायेगा।
- इस पेज पर आपको यूजरनाम ,पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉगिन के बटन पर क्लिक करना होगा।