नई दिल्ली। त्रिपुरा के 2.15 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को जल्द ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री बिपल्ब देब के नेतृत्व में त्रिपुरा सरकार ने मंगलवार को यह घोषणा की है कि अपने कर्मचारियों को 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा देने के लिए बजट में 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य में मंगलवार को बजट पेश किया गया।
इस साल की शुरुआत में त्रिपुरा में विधान सभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का सबसे बड़ा वादा किया था। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रिपुरा में अपनी रैली के दौरान इस वादे को दोहराया था।
इस साल मार्च में राज्य सरकार ने असम के पूर्व मुख्य सचिव पीपी वर्मा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति का गठन राज्य के 2.15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए किया गया था।
मंगलवार को बजट पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री विष्णु देव वर्मा, जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा सरकार ने 2 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने के लिए बजट मे 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है और पीपी वर्मा समिति की रिपोर्ट आने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
त्रिपुरा सरकार ने एक नई पेंशन पॉलिसी की भी घोषणा की है। यह पॉलिसी 1 जुलाई 2018 से सरकारी नौकरी में आने वाले कर्मचारियों के लिए होगी। त्रिपुरा ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बिना घाटे का 16,387.21 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। राज्य में सड़क विकास के लिए पेट्रोल (1.15 रुपए), डीजल (1.13 रुपए) और पीएनजी (4.4 रुपए प्रति माह) पर उपकर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
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