Good News: COVID-19 संक्रमण से बचाने वाले सबसे बड़े हथियार को लेकर आईं अच्छी खबर, पढ़कर आप को भी मिलेगी राहत
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे प्रभावी हथियार है।
नई दिल्ली। कोविड-19 की घातक दूसरी लहर से बचाने में सहायक टीके को लेकर कुछ अच्छी और सकारात्मक खबरें आई हैं। इन सभी खबरों को यहां एक साथ आपके लिए हम लेकर आए हैं, जिसे पढ़कर आपको शायद कुछ राहत महसूस हो और इस महामारी को हराने में जरूरी आपकी हिम्मत और बढ़ सके। स्वेदेशी टीके कोवेक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक ने एक नई निर्माण इकाई लगाने की घोषणा की है तो वहीं वैक्सीन और दवा के पेटेंट में ढील पर डब्ल्यूटीओ का फैसला जल्द आने की खबर आई है। डॉ रेड्डीज ने रूस से स्पुतनिक वी वैक्सीन की दो महीनों में 3.6 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद जताई है।
कर्नाटक में टीका विनिर्माण इकाई स्थापित करेगा भारत बायोटेक
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और राज्य कोविड कार्य बल के प्रमुख डॉ. सी एन अश्वत नारायण ने कहा कि भारत बायोटेक बेंगलुरु के पास कोलार जिले में जल्द ही कोवेक्सीन टीके का एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगा। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि संयंत्र के लिए निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और सरकार ने निवेशकों को राज्य में टीके का निर्माण करने के लिए आमंत्रित किया है। डॉ.नारायण सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी विभाग भी देखते है।
उप मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि पड़ोस के कोलार जिले के मलूर औद्योगिक क्षेत्र में जल्द से जल्द भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके का विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा सरकार ने परियोजना को मंजूरी दे दी है और कंपनी प्रशासनिक जरूरतों को संसाधित कर रही है। निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो गया है और जितनी जल्दी संभव हो, उतनी जल्दी विनिर्माण परिचालन शुरू करने के लिए इसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। नारायण ने साथ ही कहा कि राज्य टीका निर्माण से जुड़ी किसी भी कंपनी का स्वागत करता है और उसे पूरा सहयोग देगा।
कोविड की वैक्सीन, औषधि के पेटेंट में ढील पर डब्ल्यूटीओ का फैसला जल्द आने की उम्मीद
भारत ने उम्मीद जतायी है कि कोविड19 की वैक्सीन और दवाओं के विनिर्माण का लाइसेंस खुला करने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बौद्धिक संपदा के व्यापार संबंधी पहलुओं पर समझौते (ट्रिप्स) में ढील की मांग वाले उसके और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला आ जाएगा। गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 संक्रमण के इलाज, उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट दिए जाने का एक प्रस्ताव रखा है। ट्रिप्स समझौता जनवरी 1995 में लागू हुआ था। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, अघोषित सूचना या व्यापार संबंधी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर किया गया बहुपक्षीय समझौता है।
वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि प्रस्ताव को कई देशों का समर्थन मिला है। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "मुझे उम्मीद है कि डब्ल्यूटीओ में जल्द ही कोई फैसला आ जाएगा। मुझे उम्मीद है कि इसे लेकर जल्द ही कोई नतीजा मिलेगा।" वधावन ने कहा कि इस कदम से कोविड-19 से लड़ने के लिए टीके और दूसरे आवश्यक उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
स्पुतनिक वेक्सीन की दो महीनों में 3.6 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद
डॉ रेड्डीज लैब ने शुक्रवार को कोविड-19 की वैक्सीन स्पुतनिक वी को भारतीय बाजार में सादे ढंग से पेश किया, और दवा कंपनी के वरिष्ठ कार्यपालक दीपकसपरा ने पहला टीका लगवाया। कंपनी ने कहा कि इस आयातित दवा की एक खुराक का खुदरा मूल्य 948 रुपये है। इस पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी के साथ टीके का मूल्य 995.40 रुपये प्रति खुराक बैठता है। डा.रेड्डीज लैबोरेटरीज ने एक वक्तव्य में कहा कि हम आरडीआईएफ के साथ चर्चा कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि दो महीनों में आरडीआईएफ से 3.6 करोड़ खुराकें मिलेंगी। आरडीआईएफ ने वैक्सीन के निर्माण के लिए छह भारतीय दवा कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है।
स्पुतनिक वी को शून्य से 18 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे संग्रहीत करने की जरूरत है। डा रेड्डीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी वी प्रसाद ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे प्रभावी हथियार है। भारत में टीकाकरण अभियान में भागीदारी निभाने के जरिये भारतीयों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मदद करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
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