मुंबई। देश की कृषि वृद्धि दर 2016-17 में जोरदार रह सकती है और यदि मौसम विभाग की अच्छे मानसून की भविष्यवाणी सही निकली तो यह 7-8 फीसदी को भी छू सकती है। यह बात एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कही गई है।
भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने लगातार दो साल सूखे के बाद कृषि और आर्थिक वृद्धि के संबंध में आशंका दूर करते हुए इस साल सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी की है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऐसे उदाहरण रहे हैं, जबकि जिस साल बारिश कम हुई है कृषि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक 2003 और 2010 में कृषि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर कम बारिश के बाद भी औसतन 8.5 फीसदी रही।
मुद्रास्फीति के संबंध में रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष में कम रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया, हम इस राय पर कायम हैं कि कुछ समय में दाल के भाव घटेंगे, मुद्रास्फीति घटेगी। इसमें कहा गया, इसका अर्थ है आरबीआई के पास मुख्य नीतिगत दर में 0.50 फीसदी तक की कटौती की और गुंजाइश होगी।
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