अच्छे मानसून की भविष्यवाणी से कृषि उद्योग उत्साहित
मौसम विभाग के इस वर्ष मानसून बेहतर रहने के अनुमान से एग्रीकल्चर इंडस्ट्री सेक्टर की ग्रोथ को लेकर उत्साहित है। इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद है।
नई दिल्ली। मौसम विभाग के इस वर्ष मानसून बेहतर रहने के अनुमान से एग्रीकल्चर इंडस्ट्री सेक्टर की ग्रोथ को लेकर उत्साहित है। लगातार दो साल के सूखे के बाद मौसम विभाग ने इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है। फर्टिलाइजर समेत एग्रीकल्चर से बंधित कच्चा माल बनाने वाली कंपनियों को खरीफ सीजन के दौरान अच्छी बिक्री की उम्मीद है। वहीं कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि 2016-17 में देश का कृषि उत्पादन बेहतर रहेगा।
एग्रीकल्चर इंडस्ट्री की बढ़ेगी बिक्री
चीनी उद्योग संगठन आईएसएमए को सूख प्रभावित गन्ना उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में गन्ने की इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद है। वहीं खाद्य तेल उद्योग का निकाय एसईए ने कहा कि तिलहनों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि से खाद्य तेलों के आयात में कमी आएगी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि देश में सामान्य से बेहतर बारिश की 94 फीसदी संभावना है। इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (इसमा) के महानिदेशक अविनाशा वर्मा ने कहा, यह अच्छी खबर है। दो साल खराब मानसून के बाद देश में विशेषकर महाराष्ट्र और कर्नाटक में बेहतर बारिश होगी जहां जलाशय निचले स्तर पर पहुंच गये हैं। हम देश के इन भागों में गन्ने के फसल में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। मुंबई के सोलवेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि अगर देश में अच्छी बारिश हुई तो तिलहन का रकबा और उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही इससे खाद्य तेलों का आयात कम होगा। फर्टिलाइजर एसोसिएशन आफ इंडिया के महानिदेशक सतीश चंद्र ने कहा कि अच्छे मानसून से खेती का रकबा बढ़ेगा और अंतत: उर्वरक की बिक्री बढ़ेगी।
सरकार को कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद
लगातार दो साल के सूखे के बाद इस वर्ष मानसून सामान्य से अच्छा रहने की उम्मीद जताई है। इससे सरकार उत्साहित है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि 2016-17 में देश का कृषि उत्पादन बेहतर रहेगा। कृषि मंत्री ने यहां राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन के मौके पर अलग से कहा, मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार निश्चित रूप से 2016-17 में कृषि उत्पादन बेहतर रहेगा। सिंह ने कहा कि पिछले दो साल मानसून कमजोर रहा। 2014-15 में मानसूनी बारिश 12 प्रतिशत कम रहीं उसके अगले साल यह 14 प्रतिशत कम रही। लेकिन हम बेहतर तरीके से तैयार थे। राज्य सरकारों ने भी सहयोग दिया। इसका नतीजा आप सभी ने देखा। देश का कृषि उत्पादन 2014-15 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान घटकर 25.20 करोड़ टन रहा, जो इससे पिछले साल रिकार्ड 26.50 करोड़ टन पर था। मौजूदा 2015-16 के फसल वर्ष में कृषि उत्पादन मामूली बढ़कर 25.31 करोड़ टन रहने का अनुमान है।