नई दिल्ली। कोविड- 19 महामारी के इलाज और बचाव में काम आने वाली तमाम सामग्री पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) से राहत दिये जाने के बारे में फैसला लेने के लिये गठित मंत्री समूह ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जीएसटी परिषद की 28 मई को हुई बैठक में इस मंत्री समूह का गठन किया गया था और उसे आठ जून तक रिपोर्ट देने के लिये कहा गया था। समूह को यह तय करना था कि कोविड- 19 महामारी के इलाज और इससे बचाव में काम आने वाली दवाओं, उपकरणों और पीपीई किट, मास्क और टीका सहित तमाम सामग्री को जीएसटी से क्या छूट दी जानी चाहिये। मेघालय के मुख्य मंत्री कोनराड संगमा ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और रिपोर्ट सौंपी।
राज्यों के मंत्रियों के समूह की इस रिपोर्ट पर अब जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विचार किया जायेगा। जीएसटी परिषद की अगली बैठक जल्द हो सकती है। मंत्री समूह को कोविड मरीजों के इलाज में चिकित्सा ग्रेड आक्सीजन, हृदय गति मापने वाले पल्समीटर, हैंड सेनेटाइजर, कंसन्ट्रेटर, वेंटीलेटर जैसी आक्सीजन देने वाले उपकरणों, पीपीई किट, एन-95 और सर्जिकल मास्क और तापमान नापने वाले उपकरण पर जीएसटी से छूट अथवा दरों में कटौती के बारे में विचार करने को कहा गया था। इसके अलावा समूह को कोविड के टीके, दवाओं और कोरोना वायरस की जांच में काम आने वाले परीक्षण किट पर भी जीएसटी से राहत को लेकर अपने सुझाव देने को कहा गया था। मेघालय के मुख्यमंत्री के अलावा इस समूह में गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नीतिनभाई पटेल, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार, गोवा के परिवहन मंत्री माउविन गोडिहो, केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल, ओड़िशा के निरंजन पुजारी, तेलंगाना के टी हरीश राव और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना शामिल हैं।
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