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निवेशकों को आकर्षित करने के लिए गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम में हुआ बदलाव

सरकार ने गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए निवेशकों को सोने में जमा को नकदी के अलावा सोने के रूप में भुनाने का विकल्प दिया है।

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम में हुआ बदलाव, रिटर्न में मिलेगा सोना- India TV Paisa निवेशकों को आकर्षित करने के लिए गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम में हुआ बदलाव, रिटर्न में मिलेगा सोना

नई दिल्‍ली। सरकार ने गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम (जीएमएस) को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए निवेशकों को सोने में जमा को नकदी के अलावा सोने के रूप में भुनाने का विकल्प दिया है। सरकार ने पिछले साल नवंबर में जीएमएस शुरू की थी। इसका मकसद मूल्यवान धातु का आयात कम करना है, जिसका चालू घाटे पर पभाव पड़ता है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, उम्मीद है कि उक्त संशोधन से योजना संभावित जमाकर्ताओं के लिये ज्यादा आकर्षक होगी। अभी तक इस योजना के तहत 3 करोड़ टन सोना ही जमा हो पाया है, जबकि देश में 20,000 टन सोने का भंडार होने का अनुमान है।

अभी तक निवेशकों के लिए गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम को सुगम बनाने के लिए कई सुधार किए गए हैं। योजना में एक बार फि‍र से 31 मार्च 2016 को संशोधन किया गया है। वित्त मंत्रालय ने इस नए संशोधन में कहा है कि  मध्यम एवं दीर्घकालीन सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) के तहत गोल्‍ड जमा के लिए परिवक्वता पर भुनाने के समय जमाकर्ता के पास विकल्प होंगे। भुनाने के समय वे जमा स्वर्ण के मूल्य के बराबर नकदी प्राप्त कर सकते हैं या उतने मूल्य का सोना ले सकते हैं।

अल्पकालिक बैंक जमा (एसटीबीडी) के तहत गोल्‍ड भुनाने के समय पर दोनों विकल्प पहले से उपलब्ध हैं। जहां स्वर्ण जमा को सोने में भुनाया जाता है, रुपए में भुनायी गई राशि का 0.2 फीसदी प्रशासनिक शुल्क जमाकर्ता से लिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, हालांकि एमएलटीजीडी पर प्राप्त ब्याज का आकलन भारतीय रुपए में जमा के समय सोने की कीमत के संदर्भ में किया जाएगा और इसे केवल नकद में दिया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है।

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