भू-वैज्ञानिकों ने खोजा रेतीले राजस्थान में सोना, जमीन से 300 मीटर नीचे दबा है 200 टन सोना
भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) के अनुसार राजस्थान के बांसवाडा जिले में सोने के भंडार का पता लगाया गया है।
नई दिल्ली। कच्चे तेल के भंडार के बाद अब देश का यह राज्य जल्द ही सोने के भंडार के लिए भी जाना जाएगा। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) के वैज्ञानिकों ने राजस्थान के बांसवाडा जिले में सोने के भंडार का पता लगाया गया है। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक एन कुटुम्बा राव ने बताया कि राजस्थान में सोने की खोज में नई संभावनाएं सामने आई हैं। यहां बांसवाडा जिले में सेाने के भंडार का पता चला है।
जीएसआई के अनुसार बांसवाड़ा जिले के गहतोल क्षेत्र में सोने के भंडार का पता चला है। यह भंडार जमीन के स्तर से 300 मीटर नीचे है। सर्वे रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि यहां करीब 200 टन सोने का भंडार है, जिसकी कीमत तकरीबन 40,000 करोड़ रुपए है। उल्लेखनीय है कि भारत में अभी सोना कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड से निकाला जाता है। यहां सोना 13,000 फीट गहराई में जाकर निकाला जाता है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 35.65 करोड़ टन के सीसा जस्ता के संसाधन राजपुरा दरीबा खनिज पट्टी में मिले है। इसके अलावा भीलवाड़ा जिले के सलामपुरा एवं इसके आसपास के इलाके में भी सीसा जस्ता के भंडार मिले है।
राव के अनुसार राजस्थान में वर्ष 2010 से अब तक 8.11 करोड़ टन तांबे के भंडार का पता लगाया जा चुका है। जिसमें तांबे का औसत स्तर 0.38 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के सिरोही जिले के देवा का बेड़ा, सालियों का बेड़ा और बाड़मेर जिले के सिवाना इलाकों में अन्य खनिज की खोज की जा रही है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में उर्वरक खनिज पोटाश व ग्लुकोनाइट की खोज के लिए नागौर, गंगापुर (करोली) सवाई माधोपुर में उत्खनन का काम चल रहा है, इन जिलों में पोटाश एवं ग्लुकोनाइट के भंडार मिलने से भारत की उर्वरक खनिज की आयात पर निर्भरता कम होगी।