दावोस। औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में भरोसा रखने वाले प्रमुख भारतीय बैंकर उदय कोटक का मानना है कि सोना एकमात्र वैकल्पिक मुद्रा है, जो सरकार के सहयोग के बिना काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि हाल में चर्चा में आई बिटकॉइन जैसी कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी को निकट भविष्य में किसी तरह का नियामकीय समर्थन मिलता नजर नहीं आता।
इनमें से सबसे चर्चित बिटकॉइन को लेकर हाल में काफी खींचतान देखने को मिली है। हाल के समय में इसमें काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। कुछ सप्ताह पहले तक यह 20,000 डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच गई, लेकिन इसके बाद यह टूटकर 10,000 डॉलर प्रति इकाई पर आ गई।
नई पीढ़ी के कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमुख कोटक ने कहा कि रियल एस्टेट बाजार में जल्द सुधार की गुंजाइश नहीं है क्योंकि जमीन से पैसा निकालकर इसे वित्तीय संपत्तियों में लगाया जा रहा है।
कोटक ने कहा कि मैं इस बात को मानता हूं कि दुनिया में सिर्फ एक क्रिप्टोकरेंसी है सोना जो चल सकती है। इसे कोई देश जारी नहीं करता। जब तक कि हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचते जहां ऐसी वैकल्पिक मुद्रा ला सकें, जो सोने की तरह की भरोसेमंद हो, प्राधिकरणों के लिए किसी नई क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देना संभव नहीं है।
Latest Business News