मुंबई। वैश्विक स्वर्ण बाजार पर काम करने वाले एक निकाय के अनुसार चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विस्तार के साथ सोने में अगले तीन दशक तक चमक तुलनात्मक रूप से बनी रहेगी। चीन के 2048 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और भारत उससे ठीक पीछे रहने का अनुमान है।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट- दीर्घकालिक वैश्विक निवेश चुनौतियों का सामना-अप्रैल 2018 में कहा है कि सोने की मांग में आभूषणों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत के आसपास है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं खासकर भारत और चीन की आर्थिक व्यवस्थाओं में लगातार विस्तार तथा मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं का अनुपात बढ़ने से सोने को समर्थन मिलेगा। भारत और चीन गोल्ड के सबसे बड़े खरीदार हैं।
हालांकि, भू-राजनीतिक दृष्टि से अगले तीन दशक कठिन होने से सोने को लेकर उत्साह के सामने चुनौतियां भी आएंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार टकराव जारी रहने की उम्मीद है। यूरोप को लेकर इसमें कहा गया है कि उसे आबादी की बढ़ती आयु और घटती जनसंख्या की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उसे अफ्रीका से अपने यहां पलायन की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
परिषद ने कहा कि बढ़ती आय से प्रेरित सोने में निवेश मांग में सकारात्मक रुख रहेगा हालांकि, इसमें उतार-चढ़ाव होता रहेगा। आर्थिक तेजी और राजनीतिक तनाव के मद्देनजर अगले दशकों में सोने में निवेश का मुख्य स्त्रोत बना रहेगा। डब्ल्यूजीसी की राय में प्रौद्योगिकी में सोने का उपयोग भी बढ़ने की उम्मीद है।
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