नई दिल्ली। गोल्ड ज्वैलरी की चमक घरेलू ही नहीं ग्लोबल बाजार में भी फीकी पड़ती नजर आ रही है। ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर होने के बावजूद अप्रैल-अक्टूबर के दौरान ज्वैलरी एक्सपोर्ट में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 80:20 नियम को खत्म कर दिया था, जिसके बाद ज्वैलरी एक्सपोर्ट में बढ़ोत्तरी आई थी। लेकिन एक बार फिर इसके एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिल रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक एक्सपोर्ट में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी जारी रहने की संभावना है।
18 फीसदी घटा ज्वैलरी एक्सपोर्ट
31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान ज्वैलरी एक्सपोर्ट 17.77 फीसदी बढ़कर 985.21 करोड़ डॉलर पहुंच गया था। इसके बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह 80:20 नियम का खत्म होना था। 80:20 नियम की वजह से 2013-14 में एक्सपोर्ट 40 फीसदी गिर गया था। ऐसा ही ट्रेंड एक बार फिर शुरू हो गया है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच ज्वैलरी का एक्सपोर्ट 17.67 फीसदी गिरा है। अप्रैल में भारत ने 3305 करोड़ रुपए की गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट की है। जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 3884 करोड़ रुपए था।
चीन, यूरोप और रूस से घटी ज्वैलरी की मांग
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन प्रवीण शंकर पंड्या के मुताबिक ड्यूटी ड्रा-बैक स्कीम और गोल्ड रेप्लेनिशमेंट स्कीम ज्वैलरी एक्सपोर्टर के लिए ठीक से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाया है और उम्मीद है कि यह मुद्दा जल्द हल हो जाएगा। इसकेे अलावा, चीन, यूरोप, रूस और सीआईएस देशों से मांग घटी है। पंड्या ने कहा कि तेल की कीमतों में आई गिरावट के कारण रूस और चीन की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल का माहौल है। वहीं डॉलर के मुकाबले यूरो कमजोरी भी एक्सपोर्ट पर नकारात्मक असर डाल रहा है।
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