नई दिल्ली। मोदी सरकार को इस साल मायूसी हाथ लग सकती है। देश में गोल्ड इंपोर्ट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम लॉन्च किया है। लेकिन इस साल इसका गोल्ड इंपोर्ट पर असर दिखाई पड़ता नजर नहीं आ रहा है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरीट्रेड फेडरेशन के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में आई गिरावट के कारण इंपोर्ट 1,000 टन के पार पहुंच सकता है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर देश भारत ने 2014 में करीब 900 टन गोल्ड इंपोर्ट किया था।
अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल्ड होगा इंपोर्ट
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बच्छराज बामलवा ने कहा, हमारा अनुमान है कि पहली बार गोल्ड का इंपोर्ट इस साल 1,000 टन को पार कर जाएगा। ग्लोबल स्तर पर कीमतों में आई तेज गिरावट को देखते हुए कारोबारी अधिक गोल्ड इंपोर्ट कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड के दाम घटकर पांच साल के निचले स्तर पर आ गए हैं। हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपए में आई कमजोरी के कारण ग्लोबल मार्केट में सस्ते गोल्ड का ज्यादा असर घरेलू मार्केट पर नहीं पड़ा है।
सितंबर तक 850 टन गोल्ड हुआ इंपोर्ट
फेडरेशन के अनुसार भारत ने 2015 में जनवरी-सितंबर के दौरान 850 टन का इंपोर्ट हुआ है, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 650 टन था। बामलवा ने कहा, हमारा अनुमान है कि इस साल दिसंबर तिमाही में गोल्ड का इंपोर्ट 150 से 200 टन होगा जो पिछले साल 300 टन था। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने देश में गोल्ड इंपोर्ट को कम करने के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम लॉन्च किया है। इसके लोग अपने घरों में रखे सोने को बैंक में जमा कर ब्याज कमा सकते हैं।
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