नयी दिल्ली। सोने और चांदी के सिक्कों और दूसरे आर्टिकल्स की बढ़ती डिमांड ने ज्वैलरी की चमक फीकी कर दी है। कारोबारियों की मानें तो इस साल धनतेरस पर अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के समेत अन्य दूसरे ऑप्शन होने के चलते गिन्नियों और चांदी के सिक्कों की बिक्री में 25 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर सोने और चांदी से बनी ज्वैलरी की डिमांड करीब 30 फीसदी तक घटने की उम्मीद है। सराफा कारोबारियों तथा एमएमटीसी-पीएएमपी के अनुसार उत्तर भारत में इस साल अच्छी सेल रही, हालांकि बेंगलुरु तथा दक्षिण भारत के अन्य भागों में बारिश के कारण मांग सुस्त रही।
दाम घटने के चलते बढ़ी बिक्री
आल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन(जीजेएफ) के चेयरमैन श्रीधर जीवी ने बताया कि मुख्य रूप से सोने एवं चांदी के सिक्कों का अच्छा कारोबार रहा। पिछले साल के मुकाबले गोल्ड और सिल्वर के दाम कम हैं। जिसके कारण से मांग में तेजी आयी। जीजेएफ के निदेशक हरीश सोनी ने कहा, बिक्री पिछले साल के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है। हालांकि इस साल अधिकतर बिक्री कम मूल्य के सिक्कों की देखी गयी। वहीं एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया के प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) विपिन रैना ने बताया कि इस बार आभूषणों के बजाय सिक्कों की मांग अधिक है। पिछले साल की तुलना में इस बार सोने की सिक्कों की बिक्री में 25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। रैना ने बताया कि अशोक चक्र के सिक्कों की काफी मांग है। वहीं चांदी के सिक्कों की बिक्री तो दोगुनी रहने की उम्मीद है।
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ज्वैलरी की डिमांड 30 फीसदी तक घटी
सानवी जूलरी के प्रबंध निदेशक संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल सिक्कों की मांग आभूषण से अधिक है। उन्होंने कहा, स्वर्ण आभूषण की मांग 30 प्रतिशत कम है। सोने का भाव 22,000 रपये प्रति 10 ग्राम जाने की अटकलों के कारण कई लोग मौजूदा दाम पर आभूषण खरीदने से बच रहे हैं। ऐसे में प्रतीक के रूप में लोग सोने के सिक्के खरीद रहे हैं। बांबे बुलियन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने कहा, कम मूल्य वाले यानी 10 ग्राम तक के सोने और चांदी के सिक्कों की मांग अधिक है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में सोने का भाव 1,000 रपये प्रति दस ग्राम तक कम है, इसके बावजूद ज्वैलरी की मांग अधिक नहीं है।
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