#CashlessTransaction: गुजरात का GNFC शहर देश की पहली कैशलेस टाउनशिप बना
#CashlessTransaction: गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (GNFC) शहर देश की अपनी तरह की पहली कैशलेस टाउनशिप बन गई है।
अहमदाबाद। गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (GNFC) शहर देश की अपनी तरह की पहली कैशलेस टाउनशिप बन गई है। भडूच जिले की इस टाउनशिप के 10,000 से अधिक निवासियों ने नकदी के बजाय भुगतान के विभिन्न डिजिटल तौर तरीकों को अपनाया है।
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आधिकारिक बयान के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कैशलेस जीएनएफसी टाउनशिप का उद्घाटन किया और उम्मीद जताई कि देश की अन्य टाउनशिप भी इसका अनुसरण करेंगी।
इस छोटे से गांव में पिछले पांच दशकों से हो रहा है कैशलेस लेन-देन
देश के आर्थिक परिदृश्य में भले ही नकदीरहित (कैशलेस) चर्चा में आया नया शब्द हो सकता है लेकिन गुवाहाटी से 32 किमी दूर छोटे से कस्बे में असम की तिवा जनजाति के लोग हर साल एक अनोखे व्यापारिक मेले का आयोजन करते हैं जिसमें सारा लेन-देन सिर्फ और सिर्फ कैशलेस होता है।
मध्य असम और पड़ोसी मेघालय की जनजाति तिवा असम के मोरीगांव जिले में जनवरी के तीसरे हफ्ते में सालाना तीन दिवसीय मेले जुनबील का आयोजन करती है और इस समुदाय ने पांच से भी ज्यादा सदियों से इस किस्म के लेन-देन की व्यवस्था को बनाए रखा है।
15वीं सदी से होता आया है ऐसे मेले का आयोजन
- मेले का हाल ही में समापन हुआ है। इसमें शरीक होने वाले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि तिवा लोगों के इस चलन से लोगों को सीखना चाहिए।
- इतिहासकारों के मुताबिक इस मेले का आयोजन 15वीं सदी से होता आया है।
- सोनोवाल ने ऐलान किया कि इस मेले के लिए एक स्थायी भूखंड आवंटित किया जाएगा ताकि भविष्य में भी इस मेले का आयोजन लगातार होता रहे तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलता रहे जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा।
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जुनबील मेला विकास समिति के सचिव जरसिंह बोरदोलोई ने बताया
मेले के दौरान यहां बड़ा बाजार लगता है जहां ये जनजातियां वस्तु विनिमय प्रणाली के जरिए अपने उत्पाद का आदान-प्रदान करती हैं। देश में अपनी तरह का यह संभवत: अनूठा मेला है।