पेरिस। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की ओवर सप्लाई इस साल नाटकीय रूप से कम होगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा कि कनाडा में वनों में लगी आग की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है, वहीं भारत में मांग बढ़ी है। आईईए ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 2016 में कच्चे तेल की मांग मजबूती से बढ़ेगी और भारत का प्रदर्शन सबसे शानदार रहेगा। पहली तिमाही में वैश्विक मांग में बढ़ोतरी में 30 फीसदी का हिस्सा भारत का रहा है।
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29 राष्ट्रों के संगठन आईईए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि इससे यह तर्क और मजबूत होता है कि कच्चे तेल के लिए वृद्धि के बाजार के रूप में भारत अब चीन से आगे निकल रहा है। अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति की वजह से कच्चे तेल का बाजार कुछ महीनों से काफी नीचे चल रहा था।
इस सप्ताह तेल के दाम छह माह के उच्चस्तर पर पहुंच गए। इस समय यह 46 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहे हैं जो इसी साल 30 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर आ गए थे। हालांकि, यह 2014 के मध्य के 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से काफी नीचे हैं।
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