मुंबई: गिग अर्थव्यवस्था यानी कुछ समय के लिये नियुक्त किये जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर-कृषि क्षेत्रों में 9 करोड़ रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है। साथ ही इससे दीर्घकाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। परामर्श कंपनी बीसीजी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। गिग अर्थव्यवस्था से आशय रोजगार की ऐसी व्यवस्था से है जहां स्थायी तौर पर कर्मचारियों को रखे जाने के बजाए अल्प अवधि के लिये अनुबंध पर रखा जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार गिग अर्थव्यवस्था कोई नई धारणा नहीं है। बल्कि प्रौद्योगिकी के साथ इसे तेजी से अपनाया जा रहा है। कुछ साल पहले जब बिना रोजगार सृजन के वृद्धि की बात कही जा रही थी, सरकार ने अस्थायी तौर पर सृजित होने वाले रोजगार यानी गिग अर्थव्यवस्था रोजगार की बात कही थी। इसमें कहा गया है कि अल्पावधि से दीर्घावधि में कुशल, कम कुशल और साझा सेवा के क्षेत्र में करीब 2.4 करोड़ रोजगार सृजित हो सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक 7 करोड़ अस्थायी नौकरियां निर्माण, विनिर्माण, परिवहन और लॉजिस्टक तथा व्यक्तिगत सेवा क्षेत्रों में हैं। परामर्श कंपनी के अनुसार उसका अनुमान विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के प्रकार का विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। यह निष्कर्ष बड़ी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत विभिन्न कंपनियों से बातचीत के आधार पर निकाला गया है। इसको लेकर 600 से अधिक शहरी परिवार के बीच सर्वे किया गया तथा उद्योग विशेषज्ञों की राय ली गयी।
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