कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान कारोबार और निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में बिजनेस करने का एक नया माहौल तैयार किया जा रहा है, जहां टैक्स व्यवस्था पारदर्शी और सुस्पष्ट होगी। इससे कंपनियों को सरकार के साथ मुकदमेबाजी से छुटकारा मिलेगा और भारत अधिक प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बनेगा। ढांचागत और संस्थागत सुधार समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार कर व्यवस्था को पारदर्शी और सुस्पष्ट बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, जहां गंभीर निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को तेजी से और भेदभाव रहित ढंग से निर्णय प्राप्त हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी नवोन्मेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। हमने पारदर्शिता और बौद्धिक संपदा प्रशासन को ऑनलाइन बनाने के लिए कई पहल की हैं। इस वर्ष के अंत तक व्यापक राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले 18 महीने में मुद्रास्फीति को कम करने के साथ उच्च जीडीपी वृद्धि दर की ओर उन्मुख होने और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने जैसे कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि सुधार अपने आप में कोई अंतिम बिंदु नहीं है। सुधार लम्बी यात्रा के गंतव्य की ओर बढ़ने का एक मार्ग है। इसका लक्ष्य भारत में बदलाव लाना है।
उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने में जीडीपी वृद्धि दर ऊपर गई है और मुद्रास्फीति नीचे आई है। विदेशी निवेश ऊपर गया है और चालू खाता घाटा नीचे आया है। कर राजस्व ऊपर गया है और ब्याज दर नीचे आई है, राजकोषीय घाटा नीचे गया है और रुपया स्थिर हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, निवेश के प्रवाह में नयी जान डालने के लिए दूसरे स्तर के ढांचागत और वित्तीय सुधार पेश किए गए हैं। हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की कोशिश कर रहे हैं तथा कराधान प्रणाली में स्थिरता लाने और इसे सुस्पष्ट बनाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया है और कारोबार करना सरल बनाने की दिशा में सक्रियता से पहल की जा रही है। मोदी ने कहा कि इस दिशा में प्रक्रियागत जटिलताओं को कम करने, इसे एक मंच पर लाने, विशेषकर इसे ऑनलाइन बनाने, फार्मो और प्रारूपों को सरल बनाने जैसे कार्यो को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है।
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