नयी दिल्ली: चालू वित्तवर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान रत्न एवं आभूषण का निर्यात 6.04 प्रतिशत बढ़कर 12.55 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो कि 2019-20 की इसी अवधि में 11.8 अरब डॉलर रहा था। इस वृद्धि का कारण अमेरिका, चीन और हांगकांग जैसे प्रमुख निर्यात गंतव्य वाले बाजारों में निरंतर होने वाला सुधार है। जीजेईपीसी ने सोमवार को यह जानकारी दी है। जुलाई के दौरान निर्यात 18 प्रतिशत बढ़कर 3.36 अरब डॉलर हो गया।
वहीं, अप्रैल-जुलाई 2020-21 में रत्न और आभूषण निर्यात 3.87 अरब डॉलर रहा था। वर्ष 2021-22 के निर्यात के आंकड़ों की तुलना 2019-20 की संख्या से की गई है, क्योंकि महामारी से प्रभावित वर्ष 2020-21 की तुलना कम आधार प्रभाव के कारण क्षेत्र में निर्यात वृद्धि की सही तस्वीर नहीं दिखाएगी। जीजेईपीसी के अध्यक्ष, कॉलिन शाह ने कहा कि वैश्विक बाजारों में लगातार सुधार, उपभोक्ताओं की खर्च करने योग्य आय में वृद्धि, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आगामी त्योहारी सत्र से उम्मीद है कि आने वाले महीनों में निर्यात और बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आशावादी हैं कि सितंबर में हमारा प्रमुख शो, आईआईजेएस प्रीमियर और अक्टूबर में दुबई में आईजीजेएस वैश्विक बाजार में धारणा में और सुधार करेगा। उन्होंने कहा, “निर्यात वृद्धि का कारण विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में उपभोक्ता भावनाओं में सुधार आना है। वहां (अमेरिका में) उपभोक्ता भावनाओं में सुधार का कारण, उस देश में हाल ही में 1.9 ट्रिलियन डॉलर के कोविड -19 प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा है जो वहां महामारी के आर्थिक और स्वास्थ्य प्रभावों से उबरने के लिए है।”
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान तराशे और पॉलिश किए गए हीरे के निर्यात में 27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8.52 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है, जबकि 2019-20 की समान अवधि में यह निर्यात 6.7 अरब डॉलर का हुआ था। हालांकि, सोने के आभूषणों का निर्यात 38.5 प्रतिशत घटकर 2.41 अरब डॉलर रह गया। दूसरी ओर चांदी के आभूषणों का निर्यात बढ़कर 84.3 करोड़ डॉलर का हो गया।
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