नई दिल्ली। देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 8 प्रतिशत गिरकर करीब 32.72 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2016-17 में निर्यात 35.47 अरब डॉलर था। निर्यात में गिरावट की वजह अमेरिका समेत अन्य प्रमुख बाजारों से मांग घटना है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है।
श्रम-आधारित इस क्षेत्र की देश के कुल निर्यात में करीब 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है। निर्यात में गिरावट की मुख्य वजह चांदी के आभूषणों का निर्यात घटना है। उद्योग ने निर्यात बढ़ाने को लेकर भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना (एमईआईएस) के अंतर्गत प्रोत्साहन बढ़ाने की मांग की है। साथ ही निर्यातकों ने माल एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत कार्यशील पूंजी फंसने की चिंताओं को भी उठाया है, जिसके चलते निर्यात प्रभावित हो रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, चांदी के आभूषणों का निर्यात 2017-18 में 15.8 प्रतिशत गिरकर 3.39 अरब डॉलर रह गया। इसी तरह सोने के पदक और सिक्कों के निर्यात में भी करीब 63.56 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, स्वर्ण आभूषण का निर्यात करीब 11 प्रतिशत चढ़कर 9.67 अरब डॉलर हो गया।
इस बीच, 2017-18 के दौरान बिना तराशे हीरे के निर्यात में करीब 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि तराशे गए हीरे का निर्यात 4.17 प्रतिशत बढ़कर 23.74 अरब डॉलर हो गया। वहीं, दूसरी ओर 2017-18 के दौरान देश का रत्न एवं आभूषण आयात 9.7 प्रतिशत बढ़कर 31.52 अरब डॉलर हो गया। वहीं, बिना तराशे हीरे और सोने की छड़ के आयात में क्रमश: 10.6 प्रतिशत और 34.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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