नई दिल्ली। देश के रत्न एवं आभूषण निर्यात में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के बीच 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह घटकर 22.43 अरब डॉलर रहा है। इसकी प्रमुख वजह अमेरिका समेत अन्य प्रमुख बाजारों में मांग का कम रहना है।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 23.56 अरब डॉलर था। बड़े स्तर पर रोजगार मुहैया कराने वाले इस क्षेत्र की देश के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है। उद्योग विशेषज्ञों ने निर्यात बढ़ाने को लेकर एमईआईएस के तहत सहायता की मांग की है।
नाम नहीं बताने के इच्छुक जीजेईपीसी के एक अधिकारी का कहना है कि हमने एमईआईएस के तहत सहायता और जीएसटी वापसी से जुड़ी समस्याओं के तुरंत समाधान की मांग की है। जीएसटी के कारण पूंजी फंसने से निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जीएसटी लागू होने से पटरी से उतरे चमड़ा और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों को सरकार ने पांच दिसंबर को सहायता देने की घोषणा की है।
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2017-18 के बीच सोने के गहनों का निर्यात 3.18 प्रतिशत गिरकर छह अरब डॉलर रह गया है। सोने के सिक्कों के व्यापार में भी 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, चांदी के गहनों के निर्यात में इस अवधि में 18.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वह करीब तीन अरब डॉलर रहा।
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