नई दिल्ली। डिजिटलीकरण, अनुकूल जनसांख्यिकी, वैश्वीकरण और सुधारों के चलते आने वाले दशक में भारत दुनिया की सबसे बड़ी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने यह संभावना जताई है। मॉर्गन स्टेनली के एक शोध नोट के अनुसार, भारत की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि का रुख लगातार आगे बढ़ने वाला रहा है। 1990 के दशक में यह 5.8 फीसदी रहा जो 2000 के दशक में बढ़कर 6.9 फीसदी हो गया। इसी तरह अगले दशक में भी इसके बेहतर रहने की संभावना है।
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कंपनी का मानना है कि डिजिटलीकरण से GDP वृद्धि को 0.5 से 0.75 प्रतिशत की बढ़त मिलेगी और अनुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर पर आकर 5.7 फीसदी रही है। इसके पीछे अहम कारण नोटबंदी की वजह से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का दबाव में रहना है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि सुधारों की वजह से पिछला साल भारत की GDP वृद्धि के लिए व्यवधान वाला रहा है लेकिन मध्यम अवधि में देश की वृद्धि संभावनाएं बेहतर हैं। कंपनी ने अपने नोट में कहा कि हमारे अनुमान के मुताबिक आने वाले दशक में भारत की सालाना GDP वृद्धि दर 7.1 फीसदी से 11.2 फीसदी के बीच रहेगी। इसी प्रकार 2026-27 तक भारत में 120 अरब डॉलर सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आने की उम्मीद है।
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