नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने बुधवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ की ओर बढ़ रही है और वित्त वर्ष 2021-22 में इसके लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। देबरॉय ने एसबीआई के एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे विश्वास है कि हम एक उच्च विकास दर, उच्च गरीबी उन्मूलन दर, उच्च रोजगार दर के साथ एक समृद्ध, अधिक विकसित और बेहतर शासित भारत की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस साल (वित्त वर्ष 2022) विकास की वास्तविक दर लगभग 10 प्रतिशत रहने वाली है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में वास्तविक वृद्धि का अनुमान 8.5-12.5 प्रतिशत के बीच था। देबरॉय ने कहा कि हालांकि, जीएसटी राजस्व, ई-वे बिल, बिजली की खपत, वाहन पंजीकरण, रेलवे भाड़ा, कॉरपोरेट लाभप्रदता, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह और इस्पात की खपत सहित सभी प्रकार के उच्च आवृत्ति संकेतक अब इसके बारे में विश्वास पैदा करते हैं कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक विकास दर करीब 10 फीसदी रहेगी।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उन्होंने उम्मीद जताई है कि जीडीपी वृद्धि दर 6-7.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। देबरॉय के मुताबिक, विकास और आय वृद्धि के चार परिचालक हैं- उपभोग, निवेश, सार्वजनिक खर्च और निर्यात। इनमें से तीन और निवेश ने हल्की मजबूती और विस्तृत विकास दर दिखाई है।
उन्होंने कहा कि देश का निर्यात इस समय बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसके साथ ही सरकारी खर्च भी बहुत अधिक हो रहा है। देबरॉय ने कहा कि क्षमता उपयोग में सुधार के साथ अगले छह माह में निवेश में और वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि यदि यह आती भी है तो इसका आर्थिक वृद्धि पर कोई गंभीर असर नहीं होगा क्योंकि टीकाकरण की उच्च दर और बेहतर सुसज्जित स्वास्थ्य तंत्र के कारण इसका प्रभाव कम होगा।
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