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Hindi News पैसा बिज़नेस नीति आयोग उपाध्यक्ष को उम्मीद, 2020-21 की चौथी तिमाही में सकारात्मक रहेगी वृद्धि दर

नीति आयोग उपाध्यक्ष को उम्मीद, 2020-21 की चौथी तिमाही में सकारात्मक रहेगी वृद्धि दर

दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है, वहीं पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

<p>चौथी तिमाही में...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE चौथी तिमाही में ग्रोथ की उम्मीद

नई दिल्ली। नीति आयोग का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। राजीव कुमार ने कहा कि केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी तथा उन तक सही जानकारी नहीं पहुंचना है। इन चीजों को दूर करने की जरूरत है। कुमार ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है। ‘‘मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों का वहीं स्तर हासिल कर लेंगे, जो एक साल पहले रहा था।’’ उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ेगी। हालांकि, यह बहुत अधिक नहीं होगी। कुमार ने कहा कि सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों के लिए किया है। अभी कई सुधार पाइपलाइन में हैं।

हाल ही मे क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जोखिम घटने की बात कही है और कहा है कि संकेत साफ होने पर वो इस साल गिरावट के अनुमानों को संशोधित कर सकते हैं।  रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में नौ प्रतिशत गिरावट आने का पूर्वानुमान बरकरार रखा है। वहीं अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10 प्रतिशत की वृद्धि का भी अनुमान दिया।  

पिछले हफ्ते जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है,  वहीं पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। लगातार दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ पर अर्थव्यवस्था को आधिकारिक रूप से मंदी में मान लिया जाता है। एनएसओ के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही के दौरान नियत मूल्य (Constant Price) पर दूसरी तिमाही में जीडीपी 33.14 लाख करोड़ रुपये रही है जो कि पिछले साल की इसी तिमाही में 35.84 लाख करोड़ रुपये थी। यानि इसमें 7.5 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में 4.4 फीसदी की बढ़त रही है।

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