नई दिल्ली। वर्ष 2017-18 की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का आंकड़ा संशोधित होकर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गया। पहले यह 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने कहा कि 2017-18 और 2016-17 में वास्तविक यानी 2011- 12 के स्थिर मूल्य पर जीडीपी क्रमश: 131.80 लाख करोड़ रुपए और 122.98 लाख करोड़ रुपए रही। यह 2017-18 में 7.2 प्रतिशत और 2016-17 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। सीएसओ ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष के अग्रिम अनुमान जारी किए जिनमें 2018- 19 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
सीएसओ ने कहा कि 2017-18 के लिए पहला संशोधित अनुमान अब उद्योगवार और संस्थानों के आधार पर विस्तृत सूचना को शामिल करते हुए जारी किया गया है। जबकि इससे पहले 31 मई, 2018 को जारी अस्थायी अनुमान उस समय प्रयोग में लाए गए बेंचमार्क संकेतक तरीके के आधार पर जारी किया गया था।
सीएसओ ने 2016-17 के लिए राष्ट्रीय आय, उपभोग व्यय, बचत तथा पूंजी सृजन का दूसरा संशोधित अनुमान जारी किया है। सीएसओ ने कहा कि 2017-18 में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, वन, मत्स्यपालन और खनन) क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र (विनिर्माण, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य सेवाओं तथा निर्माण) और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 5 प्रतिशत, 6 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में क्रमश: 6.8 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 8.4 प्रतिशत रही थी।
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