नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ घटकर 6.7 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ओवरऑल गतिविधियां अभी भी नोटबंदी से पहले वाले स्तर पर नहीं पहुंची हैं। इससे ग्रोथ की रफ्तार धीमी रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव कम हो रहे हैं लेकिन सुधार की रफ्तार धीमी है और अभी इसका असर व्यापक नहीं है। नोमूरा ने रिसर्च नोट में कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर 2016 में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2017 में 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2017 की दूसरी छमाही में ग्रोथ बढ़कर 7.3 प्रतिशत के औसत पर पहुंच जाएगी और 2018 में यह 7.7 प्रतिशत होगी। वहीं दूसरी ओर नोमूरा आरबीआई पॉलिसी सिग्नल इंडेक्स (एनआरपीएसआई), जो केंद्रीय बैंक के नीति निर्णयों को ट्रैक करता है, मार्च में बढ़कर 0.08 हो गया, जो फरवरी में 0.01 था। एनआरपीएसआई के बढ़ने का मतलब केंद्रीय बैंक का अगला कदम रेट हाइक करना है, हालांकि यह तुरंत नहीं होगा।
उपभोक्ता मूल सूचकांक आधारित महंगाई में वृद्धि, बेहतर निर्यात और अमेरिका के साथ ब्याज दरों में अंतर कम होने से ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होती है, जबकि वृद्धि की संभवना बढ़ती है। 8 फरवरी को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आरबीआई ने अपनी नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा था। केंद्रीय बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 5-6 अप्रैल को आयोजित होगी।
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