नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था उत्पादक वृद्धि के दौर में प्रवेश कर रही है। इसके चलते उसकी वास्तविक वृद्धि दर ( GDP) दिसंबर 2017 तक बढ़कर 7.9 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। इसमें कहा गया है कि अनुकूल विदेशी मांग, कंपनियों के बेहतर होते खातों और निजी क्षेत्र में पूंजी व्यय में आते सुधार से देश की वास्तवित जीडीपी वृद्धि में यह सुधार आएगा। उत्पादक वृद्धि के दौर से तात्पर्य आर्थिक वृद्धि के ऐसे समय से है जब वृहद स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए निरंतर वृद्धि का चक्र शुरू होने की अनुकूल परिस्थिति होती है।
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