नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के दौरान GDP ग्रोथ दर 7.3 प्रतिशत रही है। इससे पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत रही थी। मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विसेस और ट्रेड सेक्टर में सुधार की वजह से जीडीपी में यह उछाल आया है।
- अनुमान जताया रहा था कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रह सकती है।
- पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) या राष्ट्रीय आय 7.6 फीसदी दर्ज की गई थी।
- केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए), जिसका अनुमान बेकिस प्राइस पर लगाया जाता है, की वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7.3 प्रतिशत था।
- जीडीपी ग्रोथ आंकड़ों की गणना बाजार मूल्य पर आधारित नए फॉर्मूले के तहत की गई है।
- जीवीए की गणना मुख्य रूप से कारक लागत पर की जाती है।
- दूसरी तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.8 फीसदी से बढ़कर 3.3 फीसदी रही है। वित्त वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 2 फीसदी रही थी।
- दूसरी तिमाही में इंडस्ट्री की ग्रोथ 6 फीसदी से घटकर 5.16 फीसदी रही। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 6.3 फीसदी रही थी।
- दूसरी तिमाही में सर्विसेस की ग्रोथ 9.6 फीसदी से घटकर 8.85 फीसदी रही। पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में सर्विसेस की ग्रोथ 9 फीसदी रही थी।
- माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.4 फीसदी के मुकाबले -1.5 फीसदी रही है।
- मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.1 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी रही है।
- इलेक्ट्रिसिटी, गैस सेक्टर की ग्रोथ 9.4 फीसदी से घटकर 3.5 फीसदी रही है।
- कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 1.5 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी रही है।
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