नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया ने स्टार्ट-अप, सौर बिजली संयंत्र लगाने तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी चार्जिंग केंद्र में निवेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिये कंपनी के संविधान में बदलाव की मांग की है। कंपनी गैस और पेट्रारसायन के अलावा कारोबार को विविध रूप देने पर गौर कर रही है जिसके तहत यह पहल की जा रही है। शेयरधारकों को दिये गये नोटिस के अनुसार देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस परिवहन और विपणन कंपनी अपने स्थापना ज्ञापन विषय में छह नये खंड शामिल करना चाहती है। इसमें कहा गया है कि कंपनी प्राकृतिक गैस, पेट्रोकेमिकल्स और ऊर्जा जैसे अपने प्रमुख कारोबार के अलावा स्वास्थ्य, समाजिक एवं पर्यावरण, सुरक्षा जैसे क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप में सीधे या परोक्ष रूप से निवेश करना चाहती है।
नोटिस के अनुसार, ‘‘निवेश विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी), वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) तथा कोष के कोष (एफओएफ) तथा ट्रस्ट के जरिये किया जा सकता है।’’ गेल ने कहा कि स्वच्छ, लागत प्रभावी तथा कुशल यातायात सेवा उपलब्ध कराने, तेल आयात पर निर्भरता में कमी लाने तथा शहरों में अधिक कुशल तरीके से भूमि उपयोग के लिये नई पहल और अलग रास्ता अपनाना जरूरी है।
इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर कंपनी बैटरी चार्जिंग केंद्र लगाना चाहती है और इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग सेवाएं उपलब्ध कराना चाहती है। सरकार के 2030 तक बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की योजना के साथ गेल का मानना है कि देश में चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचा अब तक पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। नोटिस में कहा गया है कि प्राकृतिक गैस नेटवर्क के जरिये गेल की मौजूदगी देश भर में है और उसके पास पर्याप्त कोष है। साथ ही उसमें तेजी से चार्जिंग बुनियादी ढांचा लगाने की क्षमता हैं।
गेल दूषित जल शोधन संयंत्र, जल वितरण, बड़े आकार के पानी के पाइपलाइन बिछाने के क्षेत्र में भी कारोबार के अवसर टटोलना चाहती है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी संभावना का उपयोग करने पर विचार कर रही है। ये संयंत्र कंपनी के विभिन्न स्थलों और संयंत्रों पर लगाये जा सकते हैं। कंपनी की 34वीं सालाना आम बैठक 11 सितंबर को होगी।
Latest Business News