नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी गैस परिवहन कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड अपनी मुख्य गैस ढुलाई पाइपलाइन की सुरक्षा के लिए प्रायोगिक तौर पर ड्रोन तैनात करेगी। कंपनी ने अपनी पाइपलाइनों की सुरक्षा को चाकचौबंद बनाने के कदमों के तहत यह फैसला किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने जून 2014 में आंध्र प्रदेश में हुए हादसे के बाद अपनी पाइपलाइनों की सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उक्त हादसे में कम से कम 18 लोग मारे गए थे। उसके बाद कंपनी ने अपनी पुरानी पाइपलाइनों को बदलने व अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल सहित अनेक पहल की हैं। गेल के परियोजना निदेशक आशुतोष कर्नातक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, हम चंबल घाटी (मध्य प्रदेश) में एचबीजे पाइपलाइन के 200 किलोमीटर खंड पर प्रायोगिक आधार पर ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इस बारे में टेंडर पहले ही जारी कर चुकी और उसे अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
कंपनी को टेंडर महीने भर में दिए जाने की उम्मीद है। इन ड्रोन का इस्तेमाल पाइपलाइन के इलाके में किसी तरह के अतिक्रमण या पाइपलाइन में सेंध की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। इस तहत एक ड्रोन पाइपलाइन के ऊपर उड़ान भरेगा और फोटो के साथ-साथ अन्य आंकड़े एकत्रित करेगा। कंपनी 1300 किलोमीटर लंबे गैस पाइपलाइन नेटवर्क की निगरानी के लिए उपग्रह के जरिये निगरानी भी शुरू करेगी। कंपनी को एक ड्रोन की लागत लगभ 2.5 करोड़ रुपए आने का अनुमान है।
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