नई दिल्ली। देश में इस्पात की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इस्पात और सीमेंट का विकल्प तलाशने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि कीमतों में कमी लाई जा सके। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ने कहा कि उन्होने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के कुछ लोगों से सीमेंट और इस्पात के विकल्पों पर शोध करने के लिए कहा है। गडकरी ने कहा कि इस्पात की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऐसे में सस्ता विकल्प उपलब्ध होने पर इस्पात तथा सीमेंट की दरें घटेंगी।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सीमेंट और इस्पात के दामों का बढ़ना राष्ट्रहित में नहीं है। गडकरी ने कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रा प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बनाई है, अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रही तो सरकार के लिए प्रोजेक्ट लागू करने में काफी मुश्किल होगी। रियल एस्टेट सेक्टर भी सरकार को सीमेंट और इस्पात की कीमतों को लेकर पत्र लिख चुकी है।
उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल योजना के तहत तैयार उत्पादों को पेश करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोयाबीन केक का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि सोयाबीन केक का मटन के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाए तो कुपोषण की समस्या में कमी लाई जा सकती है। मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि चिकन और मटन हमारी मानसिकता को खराब कर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे जोड़ा कि इस बात पर विवाद नहीं होना चाहिए, क्योंकि भले ही वह शाकाहारी हैं, लेकिन देश में बहुत से लोग मांसाहारी हैं। गडकरी ने यह भी कहा कि ग्रामोद्योग को सशक्त बनाकर लाखों लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। ग्रामोद्योग क्षेत्र में सालाना पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।
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