G20 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के प्रति आगाह किया, मुक्त-स्थिर व्यापार माहौल पर दिया जोर
विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जी20) के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष बढ़ते जोखिमों के प्रति आगाह करते हुए शनिवार को दुनिया में मुक्त एवं स्थिर व्यापारिक माहौल तथा डब्ल्यूटीओ में सुधार की वकालत की।
ओसाका। विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जी20) के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष बढ़ते जोखिमों के प्रति आगाह करते हुए शनिवार को दुनिया में मुक्त एवं स्थिर व्यापारिक माहौल तथा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार की वकालत की।
जी20 के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर यहां जारी घोषणापत्र में कहा गया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभायेगा। वह भ्रष्टाचार के मामले में वांछित व्यक्ति को कहीं सुरक्षित ठिकाना मुहैया नहीं होने देगा और भ्रष्टाचारियों से धन वसूली के मामले में और बेहतर तालमेल के साथ काम करेगा। मनी लांड्रिक रोधी तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आभासी संपत्तियों तथा इसे मुहैया कराने वालों के संबंध में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के संशोधित मानकों को लागू करने पर भी समूह सहमत हुआ है।
जी20 के नेताओं ने कहा, 'आर्थिक वृद्धि नरम बनी हुई है और इसके कम होने का जोखिम बना हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण है कि व्यापार और भू-राजनीतिक तनाव बढ़े हैं। हम इन जोखिमों को दूर करना जारी रखेंगे तथा आगे की कार्रवाई के लिये तैयार रहेंगे।' वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति देने के संबंध में समूह ने कहा, 'हम मुक्त, अनुकूल, भेदभाव रहित, पारदर्शी, अनुमान लगाने योग्य एवं स्थिर व्यापार तथा निवेश माहौल का लाभ उठाना जारी रखेंगे और अपने बाजारों को खुला रखेंगे।'
जी20 के सदस्यों ने डब्ल्यूटीओ की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए 12वें डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अन्य व्यापार निकाय के सदस्यों के साथ रचनात्मकता के साथ काम करने का निर्णय लिया। जी20 के सदस्यों ने तालमेल बढ़ाने के लिये चालू खाता के असंतुलन को दूर करने और मजबूत एवं समावेशी वृद्धि के जी20 के लक्ष्य को हसिल करने के जोखिमों को समाप्त करने के लिये देश विशेष के हिसाब से विशेष संरचनात्मक एवं वृहद आर्थिक नीतियों की वकालत की।
घोषणापत्र में कहा गया है कि डेटा तथा सूचनाओं के एक देश से दूसरे देश में प्रवाह से निजता, सुरक्षा एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों की चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। जी20 ने घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कानूनी ढांचे का सम्मान करते हुए इन चुनौतियों का लगातार समाधान करने पर जोर दिया।
जी20 ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से संसाधनों तथा संचालन में सुधार कार्यों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने की मांग की। उसने आईएमएफ और विश्वबैंक को उनकी बहुआयामी व्यवस्था के तहत कर्ज रिकार्ड रखने, निगरानी करने तथा इसकी जानकारी देने के मामले में कर्जदार की क्षमता मजबूत करने के प्रयास को जारी रखने के लिये कहा।
जी20 ने कहा कि वह 2020 तक एक रिपोर्ट तैयार कर डिजिटलीकरण के कारण उभर रही कर चुनौतियों पर आम सहमति आधारित समाधान तैयार करने के प्रयासों को तेज करेगा। जी20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, सउदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, चिली, मिस्र, एस्टोनिया, नीदरलैंड, नाइजीरिया, सेनेगल, सिंगापुर, स्पेन और वियतनाम शामिल हैं। डब्ल्यूटीओ, विश्वबैंक तथा अन्य सात वैश्विक निकाय भी इसका हिस्सा हैं।