G20 Summit: 15 प्रतिशत वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट टैक्स को लागू करने को व्यापक समर्थन
इस समझौते में कहा गया है कि यदि किसी अन्य देश में कंपनी के मुनाफे पर कम कर लगाया जाता है, तो जिन देश में उन कंपनी के मुख्यालय हैं वे कंपनी के कर को 15 प्रतिशत तक बढ़ा देंगे।
रोम: जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में नेताओं ने 15 प्रतिशत वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर को लागू करने के लिए ऐतिहासिक समझौते को व्यापक समर्थन दिया है। इसका उद्देश्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कम दर वाले देशों का उपयोग करके करों से बचने से रोकना है। मेजबान देश इटली के अधिकारियों ने बताया कि नेताओं ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान शनिवार को प्रस्ताव पर बात की। रविवार के समापन वक्तव्य में इसके लिए औपचारिक अनुमोदन के बाद देश अपनी ओर से न्यूनतम कर लागू करेंगे।
इस समझौते में कहा गया है कि यदि किसी अन्य देश में कंपनी के मुनाफे पर कम कर लगाया जाता है, तो जिन देश में उन कंपनी के मुख्यालय हैं वे कंपनी के कर को 15 प्रतिशत तक बढ़ा देंगे। आज की डिजिटल और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुनाफा कॉपीराइट और ट्रेडमार्क जैसे अमूर्त साधनों से कमाया जा सकता है। एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या अमेरिकी संसद इस समझौते के अनुपालन के लिए कानून पारित करेगी, क्योंकि दुनिया की 2,000 सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से 28 प्रतिशत कंपनियां अमेरिका में हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से पहले चीन के कार्बन-उत्सर्जन कम करने के लक्ष्यों को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति शी चिनफिंग पर दबाव डाला है। हालांकि, उनका प्रयास बहुत सफल नहीं हुआ है। गौरतलब है कि चीन ने इस सप्ताह अपने जलवायु लक्ष्यों का एक अद्यतन संस्करण जारी किया, जिसमें 2060 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने और 2030 तक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने का वादा किया गया। रविवार को जॉनसन स्कॉटलैंड में दो सप्ताह के जलवायु सम्मेलन में विश्व नेताओं की मेजबानी करेंगे।
अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने कहा है कि उन्होंने अपनी फ्रांसीसी समकक्ष ब्रिगिट मैक्रों के साथ मुलाकात की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मुलाकात की ताकि तनाव को कम किया जा सके। जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इन देशों के नेता रोम में हैं। फ्रांस ने दुनिया के सबसे गरीब देशों को टीके की 6.7 करोड़ खुराक दान की है, जिससे यह अमेरिका के बाद दूसरा देश बन गया है जिसने संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स वैक्सीन पहल में सबसे अधिक योगदान दिया है।
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले द्रियां ने कहा कि फ्रांस ने टीका दान के संबंध में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है, जिससे 45 से अधिक देशों को लाभ हुआ है, जिसमें अफ्रीका के लगभग 30 देश शामिल हैं। फ्रांस ने 2022 के मध्य तक और छह करोड़ खुराक देने का वादा किया है। रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले जुटे हुए स्वास्थ्य और वित्त मंत्रियों ने कोविड-19 टीके की कमी के साथ महामारी से निपटने को लेकर चिंता जाहिर की।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने शुक्रवार को कहा कि टीकाकरण को गति देने के प्रयासों में 20 अरब डॉलर की कमी है, जो कि वर्ष के अंत तक दुनिया के 40 प्रतिशत और अगले वर्ष के मध्य तक 70 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर ने कहा कि विकासशील और विकसित देशों के बीच बढ़ता अंतर बाकी दुनिया के लिए एक बड़ा रणनीतिक जोखिम होगा। जी-20 देशों के मंत्रियों ने महामारी से निपटने के प्रयासों को पर्याप्त रूप से वित्त पोषित करने के लिए जी-20 संयुक्त कार्यबल बनाने का निर्णय लिया। शिखर सम्मेलन के वार्ताकार कमजोर देशों में स्थानीय स्वास्थ्य संसाधनों, टीका आपूर्ति श्रृंखलाओं और टीका उत्पादन को मजबूत करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।