ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना)। भारत ने विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए जी20 के सदस्य देशों के बीच मजबूत एवं सक्रिय सहयोग के आह्वान के साथ इस उद्येश्य से एक नौ-सूत्रीय एजेंडा पेश किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अंतरराष्ट्रीय वित्त और कर प्रणाली पर जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में यह एजेंडा पेश किया। इसमें कहा गया है कि आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों को प्रभावी तौर पर जब्त करने, आर्थिक अपराधियों की यथाशीघ्र वापसी तथा प्रभावी प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं में तालमेल बढ़ाया जाए और इसे सुव्यवस्थित किया जाए।
भारत ने जी20 देशों से ऐसी प्रणाली विकसित करने में भी साझा सहयोग की भी मांग की है ताकि भगोड़े आर्थिक अपराधियों को किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाह न मिल सके।
इस एजेंडे में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र धोषणा-पत्र के सिद्धांतों विशेषकर अंतरराष्ट्रीय तालमेल से जुड़े सिद्धांतों को पूरी और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयित किया जाना चाहिए।
भारत ने सुझाव दिया है कि बहुपक्षीय वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से कहा जाए कि वह प्राथमिकता से अंतराष्ट्रीय स्तर पर तालमेल की ऐसी व्यवस्था बनाए जिसके तहत संबंधित देशों के सक्षम विभागों के बीच सूचनाओं का विस्तृत आदान-प्रदान समय से हो सके।
भारत ने कहा कि एफएटीएफ को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की मानक परिभाषा तय करने का काम दिया जाना चाहिए। एफएटीएफ को भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए उनकी पहचान, प्रत्यर्पण एवं उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई के संबंध में आमराय से मानक प्रक्रियाएं तय करनी चाहिए ताकि जी-20 देशों को अपने घरेलू कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता मिल सके।
भारत ने प्रत्यर्पण के सफल मामलों, प्रत्यर्पण की मौजूदा प्रणालियों में कमी तथा कानूनी सहायता आदि समेत एक दूसरे के विभिन्न अनुभवओं एवं श्रेष्ठ तरीकों का एक दूसरे के साथ आदान-प्रदान करने के लिये एक साझा मंच बनाने की भी वकालत की है।
भारत ने कहा कि जी-20 को भगोड़े आर्थिक अपराधीयों की संपत्तियों की पहचान करने की दिशा में कार्य शुरू करने पर भी विचार करना चाहिए ताकि उनके ऊपर उस देश में बकाया करों की वसूली की जा सके, जिसके वे निवासी हों।
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