नई दिल्ली। जी20 देश गूगल, जैसी दिग्गज डिजिटल कंपनियों के लिए एक नई टैक्स पॉलिसी बनाने की योजना बना रहे हैं। निक्की बिजनेस डेली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी देश में कंपनी द्वारा किए जाने वाले कारोबार के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा और उस कंपनी का मुख्यालय कहां है इससे कोई लेना-देना नहीं होगा।
प्रभावी अंतरराष्ट्रीय कर नियम 100 साले पहले बने थे। ओसाका में होने वाली प्रमुख जी20 बैठक से पहले जी20 देशों के वित्त मंत्रियों द्वारा एक बेसिक पॉलिसी पर हस्ताक्षर 8-9 जून को फुकोका शहर में होने वाली बैठक के दौरान किए जा सकते हैं।
इस पॉलिसी में गूगल, एप्पल, फेसबुक और अमेजन जैसी कंपनियों को लक्ष्य किया गया है। पॉलिसी में कहा गया है कि इन कंपनियों को उन देशों को राजस्व उपलब्ध कराना चाहिए जो इन्हें बड़ा यूजर आधार उपलब्ध कराते हैं। सूत्र ने बताया कि जी20 देश 2020 तक इस पॉलिसी के फाइनल समझौते पर पहुंचना चाहते हैं, लेकिन यह पॉलिसी कैसे काम करेगी यह अभी तक तय नहीं हुआ है।
एक संभावना यह भी है कि किसी कंपनी से एकत्रित किए गए कर राजस्व को सभी देशों के बीच उसके यूजर्स की संख्या के आधार पर बांटा जाए। इसका मतलब है कि फेसबुक, जिसने कम टैक्स दरों का लाभ देने के लिए अपने लाभ और कर भुगतान को आयरलैंड में केंद्रित किया है, को अपना टैक्स भुगतान उन देशों में ज्यादा करना होगा जहां उसके सबसे ज्यादा यूजर्स हैं।
फेसबुक के दुनियाभर में 1.4 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं, जिसमें से 49 करोड़ यूजर्स एशिया-पेसीफिक रीजन में, 27 करोड़ यूरोप में और 18 करोड़ नॉर्थ अमेरिका में है। जी20 देश किस दर से टैक्स वसूलेंगे और उसे किस तरह आपस में बांटेंगे एवं कौन सी कंपनियां इसके दायरे में आएंगी यह अभी तय होना बाकी है।
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