नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के लिए चालू वित्त वर्ष को सौदों का साल कहा जा सकता है। कई सौदों की घोषणा हो चुकी है और कई बड़े सौदे विचाराधीन हैं। ऐसे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सौदों से मिली अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल कारोबार विस्तार और अधिग्रहण के लिए किया जा सकता है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच आर्थिक मंदी के कारण ऐसे कई मौके बन सकते हैं।
ब्रोकरेज कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि आरआईएल ने कुल शुद्ध ऋण और बकाया को कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों के दौरान कई सौदों की घोषणा की है। इस सौदों में फर्म की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी फेसबुक को 43,573.62 करोड़ रुपए में बेचना शामिल है। इसके अलावा आठ वैश्विक निवेशकों को 60,800 करोड़ रुपए में जियो प्लेटफॉर्म की 12.37 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची गई है।
इसके अलावा 42.26 करोड़ शेयर के राइट निर्गम के जरिए 53,124 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं (जिसमें से 25 प्रतिशत की खरीद पहले ही हो चुकी है, जबकि शेष मई और नवंबर 2021 में दो किश्तों में जारी किए जाएंगे)।
ब्रुकफील्ड को टॉवर बिजनेस की बिक्री और ईंधन संयुक्त उद्यम में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी को 70,000 करोड़ रुपए में बीपी को बेचा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा प्रतिकूलताओं के बीच ऋण या देनदारियों को चुकाने के अलावा इस राशि का इस्तेमाल कारोबार को तेजी से बढ़ाने और अधिग्रहण के लिए किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिशेष राशि का इस्तेमाल अधिग्रहण योजनाओं को आगे बढ़ाने, नए कारोबार में तेजी लाने और 5जी स्पेक्ट्रम की बोली लगाने के लिए किया जा सकता है।
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