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Hindi News पैसा बिज़नेस कोविड-19 के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में प्रभावित हो सकती है आय: आईसीआईसीआई बैंक

कोविड-19 के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में प्रभावित हो सकती है आय: आईसीआईसीआई बैंक

बैंक का अनुमान है अर्थव्यवस्था पर भरोसा बहाल होने और रिकवरी में वक्त लग सकता है

<p>ICICI Bnak</p>- India TV Paisa Image Source : FILE ICICI Bnak

नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक का अनुमान है कि कोविड-19 संकट के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में उसकी आय प्रभावित होगी। साथ ही बैंक ने कहा कि वह पर्याप्त नकदी बनाए रखेगा और बांटे गए कर्ज की निगरानी पर खासतौर से ध्यान देगा। आईसीआईसीआई बैंक ने 2019-20 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट और आर्थिक गतिविधियों में अवरोध के कारण बनी अनिश्चितताओं के चलते आर्थिक दशाएं चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। निजी क्षेत्र के बैंक ने कहा कि इस महामारी के कारण औद्योगिक और सेवाओं के उत्पादन में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

बैंक ने कहा, ‘‘हालांकि, प्रणालीगत नकदी पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन महामारी के कारण आर्थिक कमजोरी और हालात के सामान्य होने में अनिश्चितता के कारण पैदा होने वाली आर्थिक कमजोरी बैंकिंग क्षेत्र में कर्ज वृद्धि, आय,  मार्जिन,  संपत्ति की गुणवत्ता और क्रेडिट लागत को प्रभावित करेगी।’’ आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते आय पर असर पड़ेगा। बैंक वित्त वर्ष 2020-21 में पर्याप्त नकदी बनाए रखने, पूंजी बचाने और मजबूत कर्ज निगरानी पर ध्यान देगा। बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पूंजी जुटाने की योजना के तहत बोर्ड ने विभिन्न माध्यमों से 15,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दी है। इससे पहले जून में बैंक ने अपने बहीखातों को मजबूत करने के लिए अपनी सामान्य बीमा क्षेत्र की सहायक कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस में 3.96 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,250 करोड़ रुपये में बेची थी। इसके अलावा बैंक ने जीवन बीमा क्ष्रेत्र की अपनी सब्सिडिरी में 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 840 करोड़ रुपये में बेची।

बैंक ने कहा कि वह व्यापार प्रक्रियाओं के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित करेगा और तकनीक के जरिए ग्राहक सुविधाओं को बढ़ाएगा। बैंक के अध्यक्ष गिरीश चंद्र चतुर्वेदी ने शेयरधारकों से एक संदेश में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र के लिए अहम चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में कमी को टाला नहीं जा सकता है, और भरोसे की बहाली तथा आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार पकड़ने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में बैंक अपने ग्राहकों को बिना किसी बाधा के वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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