नई दिल्ली| फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने रिलायंस रिटेल वेंचर्स के साथ सौदे पर सिंगापुर मध्यस्थता अदालत के अंतरिम स्थगन आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में एक कैविएट याचिका दायर की है। वकील ऋषि अग्रवाल के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, खुदरा समूह (रिटेल ग्रुप) ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि उसके मामले को सुने बिना ही वर्तमान मामले में कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए।
फ्यूचर समूह ने अपनी कैविएट याचिका में कहा है, "अमेजन की ओर से दाखिल की जाने वाली किसी भी तरह की याचिका पर किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं दिया जाए। दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 148ए के तहत इस संदर्भ में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को सूचना दी जाए।" सिंगापुर में एक मध्यस्थता अदालत ने आरआईएल की अगुवाई वाली रिलायंस रिटेल की ओर से फ्यूचर रिटेल की खरीद पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिया था।
इससे पहले फ्यूचर समूह ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों, बीएसई और एनएसई से आग्रह किया था कि वह रिलायंस रिटेल के साथ सौदे के लिए उसके आवेदन को संशोधित करे, क्योंकि मध्यस्थ का आदेश बाजार नियामक सेबी या एक्सचेंज को इस योजना पर विचार करने और अनुमोदन करने से प्रतिबंधित नहीं करता है। एक नियामक फाइलिंग में एफआरएल ने कहा "अमेजन की ओर से उठाया गया यह विवाद पूरी तरह से गलत है।" एफआरएल ने कहा कि अमेजन के दावों में अमेजन और एफआरएल के प्रमोटर्स के बीच एक आनुबंधिक (कॉन्ट्रैक्चुअल) विवाद है और अमेजन ने पहले ही इसके लिए मध्यस्थता शुरू कर दी है।
पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज-फ्य़ूचर ग्रुप डील मामले में मध्यस्थता अदालत सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने अमेजन की याचिका पर अंतरिम राहत देते हुए फ्यूचर ग्रुप पर रिलायंस इंडस्ट्रीज को खुदरा कारोबार बेचने पर रोक लगा दी है। अदालत के मुताबिक ये रोक मामले पर अंतिम फैसला आने तक रहेगी। अमेजन ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदे में उसके साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का पालन नहीं किया है। दोनो पक्षों के बीच हुई डील में अमेजन की सहमति नहीं ली गई, इसलिए इस सौदे को लेकर अमेजन ने कोर्ट का रुख किया। सूत्रों के मुताबिक अदालत इस मामले में अगले 90 दिन में फैसला दे सकती है।
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