नई दिल्ली। प्रमुख ईंधन डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए ट्रक परिचालकों की शीर्ष संस्था एआईएमटीसी ने कहा है कि ईंधन दरों में बेलगाम बढ़ोतरी ने उनके कामकाज को खतरे में डाल दिया है और अगर सरकार ने वृद्धि वापस नहीं ली तो कारोबार ठप हो सकता है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था है, जो लगभग 95 लाख ट्रक परिचालकों और इकाइयों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है। एआईएमटीसी ने कहा कि भारत की सड़क परिवहन बिरादरी डीजल कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी का पुरजोर विरोध करती है, जो परिचालन को अव्यावहरिक बना रही है। इसके चलते बड़े पैमाने पर परिचालन बंद हो रहे हैं और इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका संकट में पड़ रही है। शायद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल की कीमत से अधिक हो गई है। डीजल की कीमत लगातार 19वें दिन बढ़कर 80.02 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि इस समय पेट्रोल की कीमत 79.92 रुपए प्रति लीटर है।
एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरन सिंह अटवाल ने कहा कि अगर डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को तुरंत वापस नहीं लिया जाता है तो सड़क परिवहन क्षेत्र के पास परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
ईंधन की कीमत में प्रतिदिन होने वाली वृद्धि के कारण छोटे ट्रांसपोर्टर्स को अपना कारोबार जारी रखना मुश्किल लग रहा है। एआईएमटीसी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद ट्रांसपोर्टर्स को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई। हम अपनी बढ़ती परिचालन लागत को उपभोक्ताओं पर भी नहीं डाल सकते, क्योंकि भाड़ा मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से मांग अभी अपने पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंच पाई है।
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