लाहौर। भुगतान संकट से जूझ रहा पाकिस्तान, भारत और अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पूरा करना चाहता है। हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा होना नामुमकिन है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी ने यह बात कही।
प्रधानमंत्री के वाणिज्य, कपड़ा और उद्योग सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद का कहना है कि मौजूदा हालात में एफटीए को पूरा कर पाना मुश्किल है और भारत के साथ यह समझौता राजनीतिक हालत बेहतर होने पर निर्भर करेगा।
दाऊद ने सोमवार को यह टिप्पणी इन समझौतों के पूरा होने की संभावना से जुड़े एक सवाल पर दी। रिपब्लिकन पार्टी की सांसद लिंडसे ग्राहम के एक बयान पर दाऊद ने यह बात कही। ग्राहम ने कहा था कि अफगानिस्तान में 17 साल से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए पाकिस्तान यदि अफगान तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने में सहयोग और मदद करे तो अमेरिका उसके साथ मुक्त व्यापार समझौता कर सकता है।
दाऊद ने कहा कि पाकिस्तान अच्छा काम कर रहा है, लेकिन जब हम अमेरिका के साथ एफटीए की बात करते हैं तो यह बहुत मुश्किल है क्योंकि इसे पूरा करने में पांच से सात साल लग जाएंगे। पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में तकरार बनी रहती है और इसकी अहम वजह पाकिस्तान का अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में होने से रोक पाने में असफल रहना है।
वहीं वाघा सीमा के माध्यम से भारत-पाकिस्तान के बीच मुक्त व्यापार संबंध बेहतर किए जाने की संभावना पर दाऊद ने कहा कि यह पाकिस्तान और भारत के बीच राजनीतिक संबंधों की बेहतरी पर निर्भर करेगा। भारत के साथ एफटीए इस समय आसान नहीं। पाकिस्तान द्वारा भारत को अभी भी सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा दिया जाना शेष है, जबकि भारत ने पाकिस्तान समेत विश्व व्यापार संगठन के सभी देशों को यह दर्जा दिया हुआ है।
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