नई दिल्ली। बच्चों की सेहत को बेहतर बनाने और पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देने के लिए FSSAI ने स्कूल कैंटीन और स्कूल परिसर के करीब जंक फूड की बिक्री और सभी तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा, "इन नियमों को लागू करने से पहले सभी हितधारकों को पर्याप्त समय दिया जाएगा, जिससे वो नए नियमों के मुताबिक जरूरी बदलाव कर सकें।" इस बीच, एफएसएसएआई राज्य शिक्षा अधिकारियों और स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश देगा कि वह इन नियमों में दिए गए सामान्य मार्गदर्शन के अनुसार स्कूल में बच्चों के लिए सुरक्षित और संतुलित आहार तैयार करें। नियमों के अनुसार, "जिन खाद्य पदार्थों में सेचुरेटेड फैट या ट्रांस-फैट या एडेड शुगर या सोडियम (एचएफएसएस) की अधिक मात्रा हो, उन्हें स्कूल कैंटीन, मेस परिसर, हॉस्टल या किसी भी तरह से स्कूली बच्चों को नहीं दिया जा सकता है। वहीं स्कूल परिसर के 50 मीटर के अंदर भी ऐसे पदार्थों की बिक्री नहीं हो सकती। ऐसे जंकफूड के विज्ञापन भी स्कूल परिसर और उसके 50 मीटर के दायरे में नहीं लगा जाएंगे। इसके साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वो ऐसे खाद्य उत्पादो की बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़े चेतावनी बोर्ड भी स्कूल के गेट पर लगाएं, जिसमें साफ तौर पर लिखा हो कि स्कूल परिसर में या उसके करीब जंक फूड की बिक्री प्रमोशन और मुफ्त वितरण पर प्रतिबंध है। स्कूलों को ये बोर्ड अंग्रेजी और एक भारतीय़ भाषा में लिखना जरूरी है। इसके अलावा अथॉरिटी के मुताबिक, स्कूल द्वारा स्वयं या FBO (फूड बिजनेस ऑपरेटर) के द्वारा भोजन की बिक्री या खानपान के सुविधा देने के लिए एक लाइसेंस प्राप्त करना होगा। वहीं मिड डे मील योजना के संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुबंधित एफबीओ को भी लाइसेंस लेना होगा। FSSAI ने साफ कहा कि स्कूलों को साफ और पौष्टिक भोजन के लिए लिए एक कार्यक्रम लागू करना होगा, जिसमें छात्रों के लिए सेहतमंद खानो पर जोर दिया जाए। इस भोजन में स्थानीय और मौसमी खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाया जाए।
Latest Business News