Freshworks के IPO ने भारत में 500 लोगों को बनाया करोड़पति, इनमें से 70 लोगों की उम्र है 30 साल से कम
फ्रेशवर्क्स ने आईपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों, कार्यशील पूंजी, परिचालन खर्च और पूंजी खर्च में करने की योजना बनाई है। कंपनी इस धन का कुछ हिस्सा पूरक कारोबारों, उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण में भी करेगी।
नई दिल्ली। बिजनेस सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी फ्रेशवर्क्स (Freshworks) की नैस्डैक (Nasdaq) में लिस्टिंग से न केवल कंपनी के सीईओ गिरीष मातृभूतम और इसके शुरुआती निवेशकों जैसे एस्सेल और सिकोइया कैपिटल को मोटा फायदा हुआ है बल्कि सैकड़ों फ्रेशवर्क्स कर्मचारी भी करोड़पति बन गए हैं।
मातृभूतम ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमारे कर्मचारी हमारे शेयरधारक भी हैं। इस आईपीओ ने मुझे शुरुआती शेयरधारकों, वीसी निवेशक और कर्मचारियों दोनों, जिन्होंने फ्रेशवर्क्स के सपने पर विश्वास किया, के प्रति सीईओ के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने का अवसर दिया है। हमें शुरुआती कर्मचारियों और निवेशकों के भरोसे की सबसे ज्यादा जरूरत थी, जिन्होंने हमारा साथ दिया और हमारे सपने का भरोसा किया। एक सीईओ के रूप में, मुझे अपनी जिम्मेदारी पूरी करने पर खुशी है और अब सार्वजनिक निवेशकों की नई जिम्मेदारी मेरे ऊपर है, जिन्होंने फ्रेशवर्क्स के भविष्य में निवेश किया है।
मातृभूतम ने कहा कि हमारे 76 प्रतिशत कर्मचारियों के पास कंपनी के शेयर हैं। भारत में हमारे 500 से ज्यादा कर्मचारी करोड़पति बन चुके हैं और इनमें से 70 की उम्र तो 30 वर्ष से भी कम है। इन्होंने कुछ साल पहले ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी की है और वे इसके लिए पूरी तरह से योग्यता रखते हैं।
बिजनेस सॉफ्टवेयर निर्माता फ्रेशवर्क्स ने बुधवार को नैस्डैक पर अपने कारोबार की शुरुआत 43.5 डॉलर प्रति शेयर से की, जो कंपनी की लिस्टिंग प्राइस 36 डॉलर प्रति शेयर के मुकाबले 21 प्रतिशत ज्यादा है। कंपनी का मार्केट कैप इसके साथ ही बढ़कर 12.3 अरब डॉलर हो गया है।
फ्रेशवर्क्स, जो पहली भारतीय सॉफ्टवेयर और सर्विस कंपनी है जो भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई है, ने जब सिकोइया कैपिटल, कैपिटल जी और एस्सेल से नवंबर 2019 में 15 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया था, तब उसका कुल बाजार मूल्याकंन 3.5 अरब डॉलर था। मातृभूतम ने कहा कि मैं आज उस भारतीय खिलाड़ी जैसा महसूस कर रहा हूं, जिसने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। हमनें दुनिया को दिखाया है कि भारत की ग्लोबल प्रोडक्ट कंपनी क्या हासिल कर सकती है।
फ्रेशवर्क्स ने आईपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों, कार्यशील पूंजी, परिचालन खर्च और पूंजी खर्च में करने की योजना बनाई है। कंपनी इस धन का कुछ हिस्सा पूरक कारोबारों, उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण में भी करेगी।
मातृभूतम और शान कृष्णासामी ने 2010 में फ्रेशडेस्क की स्थापना की थी। 2017 में इसका नाम बदलकर फ्रेशवर्क किया गया। एस्सेल, सिकोइया कैपिटल और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों ने इसमें निवेश किया है। फ्रेशवर्क्स ने बताया कि उसके पास 52,500 से अधिक ग्राहक हैं।
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