लगातार आ रहे भूकंपों से बढ़ी होम इंश्योरेंस की डिमांड, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पूरे भारत में हर पांचवें व्यक्ति के पास होम इंश्योरेंस है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 35 प्रतिशत लोगों के पास होम इंश्योरेंस है।
नई दिल्ली। लगातार कम तीव्रता से आ रहे भूकंप के झटकों ने दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के बीच होम इंश्योरेंस की मांग को बढ़ा दिया है। ई-इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म पॉलिसी बाजार डॉट कॉम द्वारा किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। कंपनी ने बताया कि उसने 17 जुलाई से 21 जुलाई के बीच उसकी मोबाइल एप्लीकेशन पर बीमा खरीदने आए 11,000 इंश्योरेंस खरीदारों के बीच यह सर्वे किया। इस सर्वे में लोगों से होम इंश्योरेंस के बारेमें और उसके फायदों के बारे में पूछा गया था।
ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में रहने वाले प्रत्येक 10 में से 5 लोगों ने कहा कि भूकंप के झटकों ने उन्हें होम इंश्योरेंस खरीदने पर विचार करने के लिए मजबूर किया। पॉलिसी बाजार डॉट कॉम ने कहा कि पहले से चल रहे कठोर समय में भूकंप के प्रति चिंता ने पूरे भारत और दिल्ली में लगभग 42 प्रतिशत उत्तरदाताओं, जिनके पास अभी तक कोई होम इंश्योरेंस नहीं था, ने निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने पर विचार करने की बात स्वीकारी है।
पूरे भारत में हर पांचवें व्यक्ति के पास होम इंश्योरेंस है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 35 प्रतिशत लोगों के पास होम इंश्योरेंस है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्भाग्य से होम इंश्योरेंस को फर्स्ट इंश्योरेंस प्रोडक्ट नहीं माना जाता है। भारत में 73 प्रतिशत और दिल्ली में 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास अभी तक होम इंश्योरेंस नहीं है। नेशनल डिजेस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 59 प्रतिशत भारतीय क्षेत्र में हल्के से लेकर बड़े भूकंप की आशंका है।
सर्वे के मुताबिक, 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं जिनके पास होम इंश्योरेंस नहीं है ने कहा कि वह निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने पर विचार करेंगे। 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह होम इंश्योरेंस खरीदेंगे। पॉलिसी बाजार डॉट कॉम ने कहा कि भूकंप के बार-बार आने से लोगों ने धीरे ही सही लेकिन होम इंश्योरेंस के महत्व पर विचार करना शुरू कर दिया है। और वह अपने घर व संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए योजना बनाने लगे हैं।
सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस की तरह होम इंश्योरेंस इतना अधिक लोकप्रिय क्यों नहीं बन पाया। लगभग भारत में 25 प्रतिशत और दिल्ली–एनसीआर के 28 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे किराये के मकान में रहते हैं इसलिए उन्होंने होम इंश्योरेंस को नहीं खरीदा।