मुंबई। फ्रांस की ऊर्जा कंपनी ईडीएफ ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के लिए महाराष्ट्र के जैतापुर में छह दबाव वाले वाटर रिएक्टर बनाने के लिए बाध्यकारी तकनीकी-वाणिज्यिक पेशकश जमा की है। ऊर्जा कंपनी ने इस कदम को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इस आधार पर आने वाले महीनों में एक बाध्यकारी समझौते की बात होगी।
रत्नागिरि जिले के जैतापुर में कुल 9900 मेगावाट क्षमता के छह परमाणु ऊर्जा रियक्टरों के निर्माण के लिए वर्ष 2018 में दोनों पक्षों के बीच ‘औद्योगिक आगे की राह तय करने का समझौता’ होने के बाद एनपीसीआईएल और ईडीएफ के बीच वार्ता में प्रगति हुई। वहां प्रत्येक परमाणु रिएक्टर 1650 मेगावाट का होगा।
फ्रांसीसी राजदूत इमैनुअल लेनिन ने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना होगी। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया का सबसे शक्तिशाली संयंत्र सात करोड़ घरों को बिजली देगा, हर साल आठ करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन रुकेगा और स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियां तैयार होंगी। जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना में यह मील का पत्थर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है। फ्रांस और भारत साथ मिलकर सुरक्षित, विश्वसनीय, प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ ऊर्जा तक पहुंच सुरक्षित करेंगे।’’
तकनीकी-वाणिज्यिक पेशकश के साथ-साथ परियोजना के वित्त पोषण पर बातचीत फिलहाल जारी है। इसके अलावा भारत में विनिर्माण के जरिये स्थानीयकरण बढ़ाने के तरीकों को लेकर दोनों पक्षों के बीच विचार-विमर्श जारी है। ईडीएफ समूह के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीन बर्नार्ड लेवी ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर हमारे भारतीय साझेदार के साथ बने विश्वास और ईडीएफ तथा एनपीसीआईएल के दलों के सहयोग और निरंतर प्रयासों के कारण हासिल हुआ है।’’ भारत और फ्रांस परमाणु साझेदारी बढ़ाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
Latest Business News