विवादों में घिरी रिंगिंग बेल्स, सरकार ने कहा फ्रीडम 251 का ‘मेक इन इंडिया’ से कोई लेना-देना नहीं
डीआईपीपी सचिव अमिताभ कांत ने फ्रीडम 251 फोन से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसका मेक इन इंडिया टीम के साथ कोई लेना-देना नहीं है। कहा कि यह सरकारी योजना नहीं है।
नई दिल्ली। महज 251 रुपए की कीमत में मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध कराने को लेकर रिंगिंग बेल्स विवादों में आ गई हैं। डीआईपीपी सचिव अमिताभ कांत ने ‘फ्रीडम 251’ फोन से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसका मेक इन इंडिया टीम के साथ कोई लेना-देना नहीं है। कांत ने ट्विटर पर कहा, यह कोई सरकारी परियोजना नहीं है। ‘मेक इन इंडिया’ टीम का इससे कोई लेना-देना नहीं है। डीआईपीपी मेक इन इंडिया अभियान के लिए नोडल एजेन्सी है। दूसरी ओर एक कॉल सेंटर ने भी कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
कंपनी की जांच कर रही है सरकार
इससे पहले, 19 फरवरी को ट्विटर पर कांत ने कहा था, यह हैंडसेट का मूल्य नहीं, बल्कि इसकी ब्राडबैंड कनेक्टिविटी या परिचालन लागत है। इस ट्वीट पर ट्विटर के कुछ उपभोक्ताओं ने आपत्ति की कि क्यों ‘मेक इन इंडिया’ का एक सरकारी प्रतिनिधि फ्रीडम 251 कंपनी की तरफ से स्पष्टीकरण दे रहा है। इससे पहले दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दुनिया के सबसे सस्ते स्मार्टफोन को पेश करने की घोषणा करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स की सरकार निगरानी कर रही है। अगर कंपनी 251 रुपए के हैंडसेट को लाने में विफल रहती है तो कार्रवाई की जाएगी।
तस्वीरों में देखिए इस फोन को
smartphone at 251
7.35 करोड़ फोन बेचने का दावा, अप्रैल से शुरू होगी डिलिवरी
रिंगिंग बेल्स ने दावा किया है कि लोगों ने 7.35 करोड़ फ्रीडम 251 फोन की ऑनलाइन बुकिंग की है। कंपनी ने कहा कि ‘फ्रीडम 251’ की डिलिवरी अप्रैल में शुरू होगी और 2016 के अंत तक खत्म होने की उम्मीद है। मोहित कुमार गोयल ने कहा कि 30,000 लोगों ने शिपिंग सहित कुल राशि का भुगतान किया है, जबकि बाकी लोग फोन डिलिवर होने पर पैसे देंगे। गोयल ने यह भी कहा कि हम लोगों दो फोन देने के लिए चीन से इंपोर्ट नहीं करेंगे, बल्कि देश में 20 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना है। इससे 4.5 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी। हम पहली बार भारत में फोन की मेमोरी बनाएंगे, जो कि अब तक ताइवान से इंपोर्ट होता रहा है।
रिगिंग बेल ने कॉल सेंटर से किया फ्रॉड
लोगों को सबसे सस्ता स्मार्टफोन “फ्रीडम-251” देने का सपना दिखाने वाली कंपनी रिगिंग बेल अब एक नए विवाद में फंसती नजर आ रही है। यह विवाद ग्राहकों को सेवा प्रदान करने वाली कॉल सेंटर फर्म साइफ्यूचर से जुड़ा है। कॉल सेंटर ने नोएडा की इस कंपनी पर जालसाजी और बकाया पैसा नहीं देने का आरोप लगाया है। वहीं, रिंगिंग बेल ने कॉल सेंटर फर्म के इन आरोपों को खारिज कर दिया है। साइफ्यूचर के सीइओ और संस्थापक अनुज बैराथी कहा “हम शुरू से ही रिगिंग बेल और उनके कारोबारी मॉडल को लेकर संदेह कर रहे थे।