नई दिल्ली। घरेलू बैंकिंग क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2016-17 में 18,170 करोड़ रुपए के कुल 12,553 धोखाधड़ी मामलों की सूचना दी है। सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ऐसे मामले सबसे ज्यादा देखे गए। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
शेयरधारकों को सलाह देने वाली कंपनी इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) के अनुसार जहां बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने धोखाधड़ी के 3,893 मामलों की सूचना दी, वहीं दूसरे स्थान पर रहे निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने 3,359 मामले और तीसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक ने 2,319 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना दी है।
धनराशि की मात्रा के संदर्भ में, पिछले वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 2,810 करोड़ रुपए की सबसे अधिक धोखाधड़ी हुई है। उसके बाद बैंक ऑफ इंडिया में 2,770 करोड़ रुपए, भारतीय स्टेट बैंक में 2,420 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 2,041 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई।
यह रिपोर्ट हालिया बैंकिंग धोखाधड़ी की पृष्ठभूमि में आई है, जहां 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी शामिल हैं। देश के बैंकिंग क्षेत्र में औसत धोखाधड़ी की अधिकता को देखते हुए, आईआईएएस ने कहा कि इन वित्तीय संस्थानों के लिए आंतरिक वित्तीय नियंत्रणों पर फिर से गौर करने और उन्हें सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखाधड़ी को रोकने में असमर्थता के कई वित्तीय दुष्परिणाम हैं। उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में, धोखाधड़ी का आकार उसकी कुल परिसंपत्ति के 1.02 प्रतिशत के बराबर का है।
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