पेरिस। फ्रांस के सांसदों ने सोमवार को फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज इंटरनेट कंपनियों पर एक नया कर लगाने को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके चलते उसे अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायरा ने कहा कि फ्रांस को इस तरह का कदम उठाने पर गर्व है।
अमेरिका ने फ्रांस से इस योजना को टालने का आग्रह किया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि यह योजना अमेरिकी कंपनी और फ्रांस के नागरिकों दोनों को प्रभावित करेगा, जो इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं।
नेशनल एसेंबली में इस प्रस्ताव को 55 मत के साथ मंजूर किया गया, जबकि इसके विरोध में 4 मत पड़े। 5 सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसे कानून बनने से पहले सीनेट या उच्च सदन में मतदान के लिए रखा जाएगा।
इस कानून को गाफा (गूगल, अमेजन, फेसबुक और एप्पल) नाम दिया गया है। यह ऐसे समय आया है, जब दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से कुछ कंपनियों को कम कर का भुगतान करने की वजह से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
फ्रांस के वित्त मंत्री ने संसद में मतदान से पहले कहा कि फ्रांस को इस तरह के विषयों पर अगुवाई करने में गर्व महसूस हो रहा है। यह मसौदा 21वीं सदी के लिए अधिक प्रभावी और निष्पक्ष कर प्रणाली की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां उपभोक्ताओं के आंकड़ों से भारी मुनाफा कमाती हैं लेकिन फ्रांस में होने वाले लाभ पर विदेश में कर लगाया जाता है।
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