नई दिल्ली। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपये (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की। इससे पहले अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार (शेयर एवं ऋण) से 15,500 करोड़ रुपये निकाले थे जो पिछले 16 महीनों में सर्वाधिक था।
हालिया आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने पिछले आठ दिनों में शेयर बाजारों से 4,030 करोड़ रुपये और ऋण बाजार से 8,641 करोड़ रुपये निकाले। इस साल अब तक एफपीआई ने घरेलू शेयर बाजारों में 4,400 करोड़ रुपये डाले हैं जबकि ऋण या बांड बाजार से 19,000 करोड़ रुपये की निकासी की है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख राकेश तार्वे ने कहा कि घरेलू बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों से आय बढ़ने के कारण एफपीआई घरेलू ऋण बाजार से निकासी कर रहे हैं जबकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक परिदृश्य खराब होने और वैश्विक बाजारों में आय बढ़ने से शेयर बाजारों से निकासी हो रही है। इसके अलावा राज्य चुनाव से पहले एफपीआई मुनाफावसूली कर रहे हैं।
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