नयी दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 6,105 करोड़ रुपये की निकासी की है। महामारी तथा उसकी वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में लागू लॉकडाउन के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 3,077.9 अंक या 6.21 प्रतिशत बढ़ा है। सेंसेक्स ने 16 जुलाई, 2021 को अपना अब तक का सबसे उच्चस्तर 53,290.1 अंक छुआ। 15 जुलाई को यह अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 53,158.85 अंक पर बंद हुआ था।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 6,707 करोड़ रुपये की निकासी की। इस दौरान उन्होंने ऋण या बांड बाजार में शुद्ध रूप से 602 करोड़ रुपये निवेश किया। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 6,105 करोड़ रुपये रही है। आंकड़ों के पता चलता है कि विदेशी निवेशकों ने जून को छोड़कर वित्त वर्ष के सभी महीनों में बिकवाली की। जून में उन्होंने 13,269 करोड़ रुपये डाले। अप्रैल में उन्होंने 9,435 करोड़ रुपये निकाले थे। वहीं मई में उन्होंने 2,666 करोड़ रुपये तथा जुलाई में 7,273 करोड़ रुपये की निकासी की।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘पहले चार माह के दौरान उत्साहवर्धक बात यह रही कि देश में नये निवेशकों का पंजीकरण सालाना आधार पर 2 गुना से ज्यादा बढ़ा है।’’ मॉर्निगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘जून से स्थानीय स्तर पर लागू लॉकडाउन के हटने की शुरुआत हुई है। कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी से निवेशकों की धारणा बेहतर हुई है।’’ उन्होंने कहा कि एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों के प्रति जून के मध्य से सतर्कता वाला रुख अपनाना शुरू किया। उनका यह रुख जुलाई में भी जारी रहा।
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